भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने मंगलवार को कहा है कि जहाजों और पनडुब्बियों के उत्पादन से लेकर कलपुर्जों एवं हथियारों तक, भारतीय नौसेना 2047 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाएगी।
एडमिरल कुमार ने एक रक्षा सम्मेलन में कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष से बहुत कुछ सीखने को मिला है, जिसमें नई तकनीकों, साइबर स्पेस और सभी तरह के सटीक गोला-बारूद का उपयोग देखा गया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संघर्ष ने अपने देश की रक्षा के लिए ‘आत्मनिर्भता’ की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
इंडिया डिफेंस कान्क्लेव’ 2022 के दौरान सवालों के जवाब में एडमिरल कुमार ने कहा कि 2047 तक, हमारे पास एक पूर्ण स्वदेशी नौसेना होगी, चाहे वह जहाज हो, पनडुब्बी, विमान, मानव रहित प्रणाली या हथियार आदि। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से ‘आत्मनिर्भर’ नौसेना होंगे। हम यही लक्ष्य बना रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण भारतीय नौसेना की आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है, उन्होंने कहा, ‘‘अब तक, हम पर कोई कड़ा दबाव नहीं है। हमारे पास पुर्जों का पर्याप्त भंडार है। आज तक विमान या विमान की तैनाती के मामले में कोई कमी नहीं की गई है। हमने अपने देश के उद्योग से मदद लेने के लिए कई कदम उठाए हैं।’’
उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने 1961 में अपने “भारतीयकरण अभियान” की शुरुआत की थी, जब पहली छोटी गश्ती नाव आईएनएस अजय स्वदेशी रूप से भारत में बनाई गई थी। तब से, हमने बहुत प्रगति कर ली है।