- जापान में होने वाली दूसरी 2+2 मंत्री स्तरीय वार्ता के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को अपने समकक्ष यासुकाजु हमदा से मुलाकात की। सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच विशेष द्विपक्षीय रणनीतिक व वैश्विक साझेदारी एक स्वतंत्र, मुक्त और कानून-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वहीं बैठक की सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच ‘लड़ाकू अभ्यास’ आयोजित करने पर सहमति बन गई। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में साझेदारी के दायरे का विस्तार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने जापानी उद्योगों को भारत के रक्षा गलियारों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया जहां सरकार द्वारा बनाए गए रक्षा उद्योग के विकास के लिए अनुकूल वातावरण है।
रक्षा सहयोग व क्षेत्रीय मामलों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की गई: राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने हमदा से मुलाकात के बाद ट्वीट करते हुए लिखा कि जापान के रक्षा मंत्री यासुकाजु हमदा के साथ द्विपक्षीय वार्ता में रक्षा सहयोग व क्षेत्रीय मामलों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की। इस साल दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और जापान एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी का अनुसरण करते हैं। जापान के साथ भारत की रक्षा साझेदारी स्वतंत्र, मुक्त और कानून-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
जिमेक्स’ और ‘मालाबार’ युद्धाभ्यास पर हुई चर्चा
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि दोनों मंत्रियों ने ‘धर्म अभिभावक’, ‘जिमेक्स’ और ‘मालाबार’ सहित द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास जारी रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने इस साल मार्च में अभ्यास ‘मिलन’ के दौरान आपूर्ति और सेवा समझौते के पारस्परिक प्रावधान के संचालन का स्वागत किया। दोनों मंत्रियों ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि लड़ाकू अभ्यास के शीघ्र आयोजन से दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच अधिक सहयोग और अंतर-संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा।
हमारे द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई: राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल के दिनों में हमारे द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। दोनों देशों के सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों का एक लंबा इतिहास रहा है। एशिया में दो संपन्न लोकतंत्रों के रूप में, हम एक विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी का अनुसरण कर रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने शिंजो आबे के निधन पर दुख व्यक्त किया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के दुखद निधन पर हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। भारत-जापान संबंधों को ऊपर उठाने में उनका योगदान महत्वपूर्ण था। जापान के लोगों के साथ भारत एकजुटता के साथ खड़ा है क्योंकि वे इस नुकसान से उबर चुके हैं।
संबंधों को ऊपर उठाने में उनका योगदान महत्वपूर्ण था। जापान के लोगों के साथ भारत एकजुटता के साथ खड़ा है क्योंकि वे इस नुकसान से उबर चुके हैं
भारत-जापान साझेदारी का महत्व ऐतिहासिक: जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-जापान साझेदारी लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के सम्मान के हमारे साझा मूल्यों में निहित है। हाल के वर्षों में हमारे हालिया द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों में परिलक्षित संबंधों के रणनीतिक पहलुओं ने नए अर्थ प्राप्त किए हैं।
कोरोना के बाद मांग है कि हम नई चुनौतियों का समाधान करें: जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमने हाल के दिनों में बहुत गंभीर घटनाक्रम देखा है, खासकर 2019 में हमारी पिछली बैठक के बाद से कोरोना महामारी और चल रहे संघर्षों की मांग है कि हम इन नई चुनौतियों का समाधान करें। ऊर्जा सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा विशेष रूप से दबाव वाले मुद्दों के रूप में उभरे हैं।
भारत ने कोरोना के दौरान दुनिया के अन्य देशों को सहायता पहुंचाई: जयशंकर
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के जिम्मेदार सदस्यों के रूप में, भारत ने मानवीय सहायता, दवाएं, टीके, खाद्यान्न और कई अन्य प्रकार की सहायता प्रदान करने में अथक प्रयास किया। जैसा कि हम इन चुनौतियों का सामना करते हैं, यह आवश्यक है कि हम संवाद और कूटनीति के माध्यम से सामान्य समाधान खोजने के लिए सामूहिक रूप से काम करें।
राजनाथ सिंह ने टोक्यो में दी शहीदों को श्रद्धांजलि
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने टोक्यो में ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले जापान के आत्मरक्षा बलों के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद राजनाथ सिंह अपने समकक्ष यासुकाजु हमादा से मुलाकात करेंगे।
जापान ने की थी भारत में निवेश की घोषणा
इससे पहले जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भारत-जापान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा की थी। इसके करीब पांच महीने बाद ‘टू प्लस टू’ संवाद आयोजित किया जा रहा है। नई दिल्ली में शिखर वार्ता के दौरान, किशिदा ने भारत में अगले पांच वर्ष तक 3,20,000 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की थी। जापान के साथ भारत ने 2019 में ‘टू प्लस टू’ संवाद की शुरुआत की थी। भारत कुछ देशों के साथ ही ‘टू प्लस टू’ संवाद आयोजित करता है जिसमें अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और रूस शामिल हैं।