अब 6 महीने तक भोलेनाथ उखीमठ में रहेंगे लीन | बारिश एवं बर्फवारी के साथ करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के प्रतीक, ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम और बद्री विशाल धाम के कपाट परंपरानुसार व वैदिक उच्चारण के बाद आगामी छह माह के लिए बंद कर दिए गए हैं। अगले छह महीने बाबा केदार ऊखीमठ में लीन रहेंगे। भैयादूज के अवसर पर प्रातः 8ः30 बजे शीतकाल के लिए बंद हो गये है। 6ः30 बजे भगवान भैरवनाथ जी को साक्षी मानकर गर्भगृह को बंद किया गया। तथा साढ़े आठ बजे सभा मंडप तथा मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया।
कपाट बंद होने के मुहूर्त पर हुई बर्फबारी को शुभ मानते हुए धाम पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस अवसर पर समस्त प्रदेश वासियों की सुख-समृद्धि की मंगल कामना की। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कपाट बंद होने पर हो रही बर्फबारी से गदगद दिखे।
इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की परिसंपत्तियों के विषय पर कहा कि दोनों राज्यों में अब किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। अलकनंदा अतिथि गृह हरिद्वार के विषय में कहा कि यह मामला उच्च न्यायालय में भी लंबित रहा जिसको लेकर आपसी सहमति से इसे उत्तराखंड सरकार को दिए जाने पर सहमति बनी तथा यहीं पर एक अन्य अतिथि गृह बनाया गया है जिस पर यूपी सरकार का स्वामित्व होगा। उन्होंने श्री केदारनाथ धाम में हो रहे पुनर्निर्माण कार्यों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। कहा कि श्री मोदी जी के कुशल मार्गदर्शन में उत्तराखंड सरकार द्वारा यहाँ पर बहुत बेहतर कार्य किए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि दर्शन के अंतिम दिन उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री , योगीआदित्यनाथ और त्रिवेंद्र सिंह रावत भी बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए पहुँचे थे ,दोनों मुख्यमंत्री को नए निर्माण कार्य की घोषणा के लिए बद्रीनाथ भी जाना था मगर भरी बर्फ़बारी की वजह से हेलीकाप्टर उड़न नहीं भस्र पायी थी और दोनों केदारनाथ धाम में ही फंस गए थे |