अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) के अवसर पर शुक्रवार को पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में बाघ दिवस मनाया गया। इस मौके पर पटना के चिड़ियाघर (zoo) में जन्म लिए चार नए शावकों का नामकरण भी हुआ। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने चारों शावकों का नाम रखा। चार शावकों में तीन नर और एक मादा है। नामकरण के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार बबलू (Neeraj Kumar Bablu) पटना के चिड़ियाघर पहुंचे थे।
वन एवं पर्यावरण मंत्री (Forest and Environment Minister) नीरज कुमार बबलू ने कहा कि “हमारे लिए खुशी की बात है कि दो महीने पहले हमारे चिड़ियाघर (Zoo) में एक बाघिन ने चार बच्चे को जन्म दिया है। बच्चे पूरी तरह स्वस्थ और अच्छे हैं। बाघ दिवस के मौके पर चारों शावकों का नामकरण (Naming ceremony) किया गया है। मुख्यमंत्री ने चारों शावक का नाम भेजा है। तीन नर शावकों का नाम केसरी (Keshari), मगध (Magadh) और विक्रम (Vikram) है, वहीं एक मादा शावक का नाम रानी (Rani) रखा गया है। चिड़ियाघर में सबके नाम का डिस्प्ले लगा दिया गया है, लोग इन्हें देख सकेंगे
नीरज कुमार ने कहा कि “बिहार में 2018 में की गई जनगणना के अनुसार बाघों की संख्या 31 है, 2022 की रिपोर्ट आना बाकी है, मुझे उम्मीद है कि बाघों की संख्या 45 होगी। ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि अगर कोई बाघिन चार शावकों को जन्म देती है, तो सभी चार जीवित रहते हैं। ज्यादातर मामलों में, चार में से दो नवजात निश्चित रूप से मर जाते हैं, इस मायने में हम बहुत भाग्यशाली हैं कि चारों बच गए।”
दो महीने पहले हुआ था जन्म
रॉयल बंगाल बाघिन सरिता ने दो महीने पहले चार शावकों ने जन्म दिया था। इन चार शावकों में दो का रंग सफेद है और दो का रंग सामान्य बाघ की तरह है। इन चारों शावकों की मां संगीता बाघिन हर पल उनका ख्याल रख रही है। चिड़ियाघर प्रशासन की ओर से भी इन शावकों पर 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है। इन शावकों का पिता नकुल बाघ है।
पटना जू में चार बाघिन पर बाघ केवल एक
बाघिन संगीता का जन्म 2014 में चेन्नई में हुआ था और वह पांच वर्ष की उम्र में 2019 में चेन्नई से पटना जू लायी गई थी। उसी ने नकुल के साथ मिल कर चार शावकों को जन्म दिया है। नकुल यहां का एकमात्र नर बाघ है, जिसकी उम्र आठ वर्ष है और तीन साल पहले उसे भी संगीता बाघिन के साथ चेन्नई जू से लाया गया था।
2020 में जारी भारत की बाघ जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, भारत में दुनिया की बाघों की आबादी का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में दुनिया की जैव विविधता का आठ प्रतिशत हिस्सा है।
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई को प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले बाघ संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए एक वार्षिक उत्सव है। इस दिन अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने का निर्णय 2010 में रूस में सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर शिखर सम्मेलन में किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य बाघ संरक्षण के लिए जन जागरूकता और समर्थन बढ़ाना है। साथ ही बाघों के प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा के लिए एक वैश्विक प्रणाली की वकालत करना है।