राजस्थान के बाड़मेर में वायुसेना के मिग-21 विमान हादसे में शहीद आरएस पुरा निवासी फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल (26) का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंच गया। तिरंगे में लिपटे शव को देखकर गांव में सभी की आंखें नम हो गई। उनके घर पहुंचे हजारों लोगों ने भारत माता की जय और अद्वितीय बल जिंदाबाद के नारे लगाए। जब शहीद के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया इस बीच उनकी मां ने उन्हें सेल्यूट कर विदा किया। इसे देखकर वहां मौजूद लोग फफक पकड़े। परिजनों की चीख-पुकार सुनकर सभी सन्न रह गए। वीरवार को हुए हादसे में दो पायलट शहीद हो गए थे। घटना की खबर मिलते ही अद्वितीय के आरएस पुरा के गांव जिंदड़ मेहलू में मातम छा गया था। बेटे की मौत की खबर से बदहवास मां प्रवीण बल को संभालना मुश्किल हो गया।
विलाप में डूबी मां कहती रही ‘मेरा बच्चा चला गया, मुझे भी नहीं जीना’। परिवार के अन्य सदस्यों का भी रो-रो कर बुरा हाल है। अद्वितीय बल का छोटा भाई हर्षित बल इंजीनियर है। दादा व दादी पोते की तस्वीर हाथों में लेकर इस हादसे के चलते दुखी हैं। उन्होंने बताया कि 16 जुलाई को अद्वितीय बल का जन्मदिन था। उस दिन भी बात हुई थी और अगस्त के पहले सप्ताह छुट्टी पर आने के लिए कहा था, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। अद्वितीय ने सैनिक स्कूल नगरोटा में कक्षा छह में दाखिला लिया। पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 2014 में एनडीए की परीक्षा पास की और वर्ष 2018 में अद्वितीय फ्लाइंग ऑफिसर बने।
मेरी बात मान लेता तो टल जाता हादसा
शहीद अद्वितीय बल की मां ने कहा – अद्वितीय अगर उसकी बात मान कर अपने अधिकारी से फोन पर मेरी बात करवा देता तो यह हादसा टल सकता था। मां प्रवीण कुमारी ने कहा कि तीन दिन पहले अद्वितीय बल का फोन आया था। उसने अद्वितीय को छुट्टी पर आने को कहा था। अद्वितीय ने कहा कि अभी ट्रेनिंग चल रही है। वो नहीं आ सकता है। उसने अद्वितीय से कहा था कि वो अपने कमांडिंग अफसर से बात कराए। वो उन्हें छुट्टी के लिए कहेंगी। शायद वे मान जाते, लेकिन अद्वितीय ने ऐसा नहीं किया। बिलखती मां ने कहा कि अगर अद्वितीय ने बात मान ली होती तो शायद यह हादसा टल जाता और उसका बेटा बच जाता।
मिग-21 पर उठाए सवाल, शहीद के चाचा बोले- बेड़े से बाहर हों ये विमान
अद्वितीय बल के चाचा कर्ण बल ने कहा कि पुराने मिग-21 विमान लगातार हादसे का शिकार हो रहे हैं। ये बहुत पुराने हो चुके हैं। वायुसेना को इसे अपने बेड़े से बाहर कर देना चाहिए। अद्वितीय की शहादत के लिए भी मिग-21 की पुरानी तकनीक ही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस पर फौरन फैसला लेना चाहिए। यह कितना असहनीय है कि एक छोटे से गांव से कड़ा संघर्ष कर वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनने वाला होनहार आज इस तरह से शहीद हो गया। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने भतीजे अद्वितीय पर गर्व है, जिसने क्षेत्र व परिवार का नाम रोशन किया, लेकिन इस तरह उसका चले जाना कभी नहीं भूल पाएगा
बचपन में उड़ते जहाज देखता रहता था
भाई हर्षित ने रुंधे गले से कहा कि अद्वितीय जब छोटा था, आसमान में उड़ते जहाज देख कर कहता था कि वह भी एक दिन पायलट बन देश की सेवा करेगा। किसे मालूम था कि वही आकाश उसे निगल जाएगा। वहीं, गांव के शाम लाल गोरखा ने बताया कि अद्वितीय एक होनहार युवक था। बचपन से कड़ी मेहनत कर शिक्षा प्राप्त की। पायलट बनने की चाहत होने पर उस मुकाम तक भी पहुंचा, लेकिन दुखद घटना के चलते जान चली गई।