महाराष्ट्र के 1000 करोड़ से ज्यादा के पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के लिए शिवसेना सांसद संजय राउत ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए। दूसरी ओर, मामले की गवाह स्वप्ना पाटकर को धमकी मिल रही है।
ईडी ने संजय राउत को 1034 करोड़ रुपये के इस घोटाले में पूछताछ के लिए बुधवार को तलब किया था। उधर, गवाह को धमकी दी गई है कि वह बयान वापस ले ले। इस मामले में राउत पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
समन एक साजिश, गुवाहाटी का रास्त नहीं चुनूंगा : राउत
शिवसेना सांसद संजय राउत ने इस मामले में ईडी के समन को साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि भले उनकी हत्या कर दी जाए, लेकिन वे महाराष्ट्र के बागी विधायकों की तरह गुवाहाटी का रास्ता नहीं अपनाएंगे।
इस मामले में ईडी पहले प्रवीण राउत नाम के कारोबारी को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके बाद से ही माना जा रहा था कि ईडी जल्द ही संजय राउत पर शिकंजा कस सकती है। ईडी ने अप्रैल में राउत का अलीबॉग स्थित प्लॉट और दादर में स्थित एक फ्लैट को अटैच किया था।
क्या है पात्रा चॉल घोटाला
यह मामला मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल से जुड़ा है। यह महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी का भूखंड है। इसमें करीब 1034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। इस केस में संजय राउत की नौ करोड़ रुपये और राउत की पत्नी वर्षा की दो करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त हो चुकी है। आरोप है कि रीयल एस्टेट कारोबारी प्रवीण राउत ने पात्रा चॉल में रह रहे लोगों से धोखा किया। एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस भूखंड पर 3000 फ्लैट बनाने का काम मिला था। इनमें से 672 फ्लैट पहले से यहां रहने वालों को देने थे। शेष एमएचएडीए और उक्त कंपनी को दिए जाने थे, लेकिन वर्ष 2011 में इस विशाल भूखंड के कुछ हिस्सों को दूसरे बिल्डरों को बेच दिया गया था।
कैसे उजागर हुआ मामला
दरअसल, वर्ष 2020 में महाराष्ट्र में सामने आए पीएमसी बैंक घोटाले की जांच हो रही थी। तभी प्रवीण राउत की उक्त कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम सामने आया था। तब पता चला कि बिल्डर राउत की पत्नी के बैंक खाते से संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को 55 लाख रुपये का कर्ज दिया गया था। आरोप है कि संजय राउत ने इसी पैसों से दादर में एक फ्लैट खरीदा था। प्रवीण राउत गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक हैं।