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Saturday, August 9, 2025

पुरी में आज भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध रथ यात्रा निकलेगी, भारी संख्या में दुनियाभर के लोग जुटना शुरू

ओडिशा के पवित्र शहर पुरी में आज भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध रथ यात्रा निकलेगी। पुरी में भारी संख्या में दुनियाभर के लोग जुटना शुरू हो गए हैं। सामान्य समय में लाखों लोग ‘आषाढ़ी बीज’ के दिन रथयात्रा के मार्ग में देवताओं और जुलूस की एक झलक पाने के लिए इकट्ठा होते हैं, जिसमें सजे-धजे हाथी और कई झांकियां शामिल होती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए रथयात्रा की बधाई दी। उन्होंने लिखा कि रथयात्रा के विशेष दिन की बधाई। हम भगवान जगन्नाथ से उनके निरंतर आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं। हम सभी को अच्छे स्वास्थ्य और खुशियां मिले

ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा के लिए ‘पहंडी’ अनुष्ठान शुरू हो गया है। कोरोना महामारी के बाद दो साल के अंतराल के बाद इस बार रथ यात्रा में भक्तों की भागीदारी की अनुमति दी गई है।

भुवनेश्वर में एक कलाकार ने चॉक और माचिस की तीलियों से एक छोटा जगन्नाथ रथ बनाया।

ओडिशा के पुरी में आज से शुरू हुई रथ यात्रा के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कोरोना के चलते दो साल के अंतराल के बाद इस बार उत्सव में अधिक से अधिक भागीदारी होने की उम्मीद है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुबह करीब 4 बजे अहमदाबाद मंदिर में भगवान जगन्नाथ की मंगला आरती की। मंदिर के पुजारी ने कहा कि ‘मंगला आरती’ परंपरा कई सालों से चली आ रही है। भगवान जगन्नाथ, उनके भाई भगवान बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथ सुबह करीब सात बजे मंदिर परिसर से निकलेंगे।

गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने बुधवार को कहा कि रथ यात्रा की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस, रिजर्व पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस के 25,000 जवानों को तैनात किया जाएगा।  इससे पहले सांघवी और गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सी.आर. पाटिल ने जमालपुर इलाके में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर का दौरा किया और कुछ अनुष्ठानों में हिस्सा लिया।

 

सांघवी ने संवाददाताओं को बताया कि रथयात्रा के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हम नियमित सिपाही के अलावा राज्य रिजर्व पुलिस (एसआरपी) और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 68 कंपनियां तैनात करेंगे। उन्होंने कहा कि निगरानी के लिए टेक्नोलॉजी का व्यापक इस्तेमाल किया जाएगा।

रथयात्रा के लिए पुरी समुद्र तट पर सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने 125 रेत रथ बनाए हैं। इन्होंने 2016 का अपना लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा है, इससे पहले उन्होंने 100 रेत रथ बनाए थे।

2020 में जब गुजरात हाईकोर्ट ने कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सार्वजनिक जुलूस की अनुमति देने से इनकार किया था तब भगवान जगन्नाथ मंदिर परिसर में एक प्रतीकात्मक रथयात्रा का आयोजन किया गया था।

 

पिछले साल, केवल तीन रथों और दो अन्य वाहनों ने पूरे मार्ग को कवर किया था और सामान्य उत्सव के बिना वापस लौट आए थे, क्योंकि किसी अन्य वाहन, गायन मंडली, अखाड़े, हाथी या सजाए गए ट्रकों की अनुमति नहीं थी।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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