उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में कानपुर-सागर हाईवे पर मौदहा के मकरांव गांव के पास बुधवार शाम पांच बजे लोडर और ऑटो के बीच भीषण भिड़ंत में आठ लोगों की मौत हो गई। आठ लोग घायल हैं, इनमें दो की हालत गंभीर है। मरने वालों में पिता-पुत्री भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर शोक जताया है। उन्होंने पीड़ितों को हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। हादसे की वजह बिना डिवाइडर वाले रास्ते पर लापरवाही से ओवरटेक करना बताई जा रही है। ऑटो चालक मौदहा से सवारियां लेकर सुमेरपुर जा रहा था। उधर, जिला मुख्यालय से आम लादकर एक लोडर मौदहा की ओर जा रहा था। मकरांव गांव के पास दोनों की आमने सामने टक्कर हो गई। ऑटो के परखच्चे उड़ गए और लोडर पलट गया। हादसे में ऑटो सवार पचखुरा निवासी श्यामबाबू (45), उसकी पुत्री दीपांजलि (7), भतीजी रागिनी (15), इंगोहटा निवासी पंचा (65), आटो चालक राजेश वर्मा (25), रजुलिया (45), भौनिया निवासी सिद्धा उर्फ श्यामबाबू (40) व बिहार के छपरा निवासी विजय कुमार (30) की मौत हो गई।
मृतक श्यामबाबू की पत्नी ममता (40), उसका बेटा सूर्यांश (डेढ़ साल), महोबा के खरेला निवासी प्रमोद (20), कुरारा के सरसई निवासी नीरज (16), मुस्करा के इमिलिया निवासी जयकिशोर प्रजापति का छह वर्षीय बेटा मानव, कुलदीप (30), इंगोहटा निवासी प्रियंका (16) को गंभीर हालत में जिला अस्पताल भेजा गया है। इन घायलों में छह ऑटो सवार और दो लोडर सवार हैं।
मृतकों में श्यामबाबू अपने परिवार के साथ थाना मुस्करा के इमिलिया गांव स्थित ससुराल में एक शादी समारोह से वापस लौट रहे थे। छपरा निवासी विजय सीसीटीवी कैमरा लगाने का काम करते थे। वे मौदहा कस्बे की एक बैंक में कैमरा लगाकर ऑटो से लौट रहे थे। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रभूषण, पुलिस अधीक्षक शुभम पटेल और विधायक मनोज कुमार प्रजापति ने सीएचसी पहुंच घायलों का हालचाल लिया।
चारों तरफ चीत्कार, दर्द भरी कराहें, हर किसी की आंख नम
हाईवे पर दुर्घटना में आठ लोगों की मौत पर चारों तरफ चीत्कार थीं। घायलों की दर्द भरी कराहें लोगों को झकझोर रही थी। हादसे के दौरान वहां से गुजरने वाले हर व्यक्ति की आंख नम हो गई।
एंबुलेंस के जिला प्रभारी कपिल वार्ष्णेय ने बताया कि घटना में छह एंबुलेंस लगी। घायलों को घटना स्थल से मौदहा सीएचसी पहुंचा। इसके बाद घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया। तीन मरीजों को कानपुर रेफर किया गया है। हालत यह है कि मौदहा से लेकर शहर तक कानपुर-सागर हाईवे पर पिछले पांच माह में 300 लोगों की जान जा चुकी है। 400 लोग अपाहिज हो चुके हैं।
ऑटो चालक जान से करते खिलवाड़
डग्गामार वाहनों व आटो टैक्सी स्टैंडों के खिलाफ अभियान चलाकर बंद कराए जाने के सख्त आदेश मुख्यमंत्री ने दिए थे। इसका पालन फिलहाल होता नजर नहीं आ रहा है। शहर से लेकर मौदहा तक दुर्घटनाओं का डेंजर जोन है। सर्वाधिक घटनाएं इसी क्षेत्र में होती हैं।
ऑटो चालक क्षमता से अधिक सवारी भरकर चलते हैं। एआरटीओ आरपी सिंह ने बताया कि जिले में 2500 ऑटो हैं। इनका 15 किमी का दायरा निर्धारित है। इनका परमिट तीन सवारी व एक चालक मिलाकर चार लोगों का होता है। मगर ऑटों में कई लोगों को बिठा लेते हैं।
फोर लेन बनाने की मांग पर ध्यान नहीं
कानपुर-सागर टू-लेन हाईवे को फोर लेन बनाने की मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोगों ने धरना-प्रदर्शन व कैंडल मार्च निकालकर विरोध भी किया गया। आए दिन हो रही दुर्घटनाओं के चलते लोग इसे खूनी हाईवे से पुकारने लगे हैं।
सांसद सदन में उठा चुके हैं मामला
हमीरपुर महोबा सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल दुर्घटनाओं का हवाला देकर इस हाईवे को छह लेन बनाए जाने की मांग लोकसभा में कर चुके हैं। पीएनसी के हुए 2024 तक के करार के चलते इस पर कोई पहल नहीं हो पा रही है।
बोले जिम्मेदार
घटना के बाद मौके का जायजा लिया है। एसडीएम, लेखपाल को लगाया गया है। डग्गामार वाहनों पर निरंतर कार्रवाई कर रहे हैं। जिला प्रशासन पीड़ितों की हर संभव मदद करेगा।
डॉ. चंद्रभूषण त्रिपाठी, डीएम
पुलिस डग्गामार वाहनों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी। शासन के निर्देशों का पालन कराया जाएगा।
शुभम पटेल, एसपी
मृतकों व घायलों के परिवारों को हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी। इस दुख की घड़ी में सरकार और प्रशासन पीड़ितों के साथ है।
-डॉ. मनोज कुमार प्रजापति, सदर विधायक
डेढ़ वर्षीय सूर्यांश बाल-बाल बचा
आटो व लोडर की भिड़ंत में डेढ़ वर्षीय सूर्यांश बाल-बाल बच गया। वह घायल मां ममता से चिपका हुआ था। उसे मां के साथ अस्पताल पहुंचाया गया। उसे कोई चोट नहीं आई है। बेटे को सुरक्षित देखकर दुख दूर हो गया। यह भी कुदरत का एक करिश्मा है, जहां आठ लोगों की मौत हो गई और सभी यात्री घायल हो गए। जबकि बालक सुरक्षित बच गया।
दहाड़े मारकर रोए परिजन
बुधवार को हुए सड़क हादसे से इमिलिया निवासी 55 वर्षीय बृजलाल अस्पताल में दहाड़े मारकर रो रहा था। उसने बताया कि इस घटना में उसके दामाद श्यामबाबू, नातिन दीपांजली व दामाद के भाई की पुत्री रागिनी की मौत हो गई। जिलाधिकारी डा. चंद्रभूषण व एसपी शुभम पटेल मृतकों के परिजनों को ढांढस बंधाते रहे।
साथ ही घायलों के उचित इलाज में जुटे रहे। एक शादी समारोह में जा रहे सदर विधायक डॉ. मनोज प्रजापति ने भी सीएचसी पहुंचकर घायलों का हालचाल लिया। सभी को मदद का आश्वासन दिया।