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Tuesday, July 8, 2025

सिख विरोधी दंगा- पूर्व मंत्री का भतीजा नहीं आया हाथ, नरसंहार में शामिल दो और भेजे गए जेल

कानपुर सिख विरोधी दंगों में शामिल पूर्व मंत्री के भतीजे राघवेंद्र सिंह कुशवाहा की तलाश में सोमवार देर रात एसआईटी ने घाटमपुर के तीन ठिकानों पर दबिश दी। राघवेंद्र हाथ नहीं आया। वह दबिश से पहले ही फरार हो गया। हालांकि नरसंहार में शामिल दो अन्य आरोपी गिरफ्त में आ गए। एसआईटी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार को दोनों कोर्ट में पेश किए गए जहां से वह जेल भेजे गए।

31 अक्तूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे। कानपुर में 127 सिखों की हत्या की गई थी। इसमें निराला नगर में तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। रक्षपाल सिंह, भूपेंद्र सिंह और सतवीर सिंह उर्फ काले शामिल हैं। एसआईटी ने मामले में पिछले सप्ताह चार आरोपी सैफुल्ला, अब्दुल रहमान, विजय नारायण व योगेंद्र सिंह को जेल भेजा था।

इसके बाद से केस के मुख्य आरोपी पूर्व मंत्री शिवनाथ सिंह कुशवाहा के भतीजे राघवेंद्र कुशवाहा की तलाश जारी है। एसआईटी डीआईजी बालेंदु भूषण सिंह ने बताया कि उसी की तलाश में सोमवार रात दबिश दी गई। वह नहीं मिला, लेकिन दो आरोपी रामसारी गांव घाटमपुर निवासी मोबीन शाह व अमर सिंह उर्फ भूरा को गिरफ्तार किया गया। यह दोनों भी वारदात में शामिल थे।
हत्या करने से लेकर शव जलाने में शामिल थे दोनों
डीआईजी ने बताया कि मोबीन और अमर सिंह घाटमपुर से बस में बैठकर भीड़ संग आए थे। इसका लीडर राघवेंद्र था। तीनों सिखों की हत्या करने में वह शामिल रहे। उसके बाद शव भी जलाया था। आखिर में पूरी बिल्डिंग में रहने वाले सिखों के कमरों में लूटपाट की थी।

27 में से 6 गए जेल, 21 अभी बाकी
निराला नगर तिहरे हत्याकांड में सबसे अधिक 27 आरोपियों को एसआईटी ने चिन्हित किया है। अब तक इसमें छह आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। 21 आरोपियों की गिरफ्तारी अभी बाकी हैं। सूत्रों के मुताबिक इसमें तीन या चार आरोपी ऐसे हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। उनकी गिरफ्तारी होगी कि नहीं यह उच्चाधिकारी निर्णय लेंगे। बाकियों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी लगी हुई है।

खुद के बचाव की जुगत में लगा है राघवेंद्र
करीब सवा सवाल पहले अमर उजाला ने राघवेंद्र के नाम का खुलासा था। तब एसआईटी ने उसको आरोपी बनाया था। नाम सार्वजनिक होेने के बाद से वह खुद के बचाव के लिए जुटा हुआ है। कई अफसरों ने वह पैरवी भी करवा चुका है। जब गिरफ्तारियां शुरू हुईं, तो उसने सरेंडर अर्जी डाली है। देखना है कि एसआईटी उसको कब पकड़ती है। सूत्रों के मुताबिक राघवेंद्र एसआईटी की जद में है। गिरफ्तारी का दिन व समय तय करना बाकी है। मगर लिखापढ़ी में वह फरार है।
newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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