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Saturday, March 15, 2025

सुब्रमण्यम स्वामी का फिर केंद्र पर निशाना, बोले-अरब देशों के खिलाफ खड़ी नहीं हो सकती सरकार

वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने नुपुर शर्मा मामले को लेकर केंद्र सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है। बुधवार को उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार अरब देशों के खिलाफ खड़ी नहीं हो सकती है।

पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विवाद स्वदेश से लेकर अरब देशों तक गरमाया हुआ है। कई अरब देशों ने भारतीय राजदूतों को तलब कर अपनी आपत्ति प्रकट की है। यहां तक कि ओआईसी, पाकिस्तान व अफगानिस्तान जैसे कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले देशों ने भी इसे मुस्लिम वर्ल्ड से जोड़ते हुए भुनाने और भारत को नीचा दिखाने की कोशिश की। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन सभी को माकूल जवाब दे दिया है।

सुब्रमण्यम स्वामी पहले भी नुपुर शर्मा को भाजपा से छह साल के लिए निलंबित किए जाने पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने मोदी सरकार की विदेश नीति पर भी सवाल उठाए थे। बुधवार को किए ताजा ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार अरब देशों के खिलाफ खड़ी नहीं हो सकती। भारत सरकार ने इस्राइल के खिलाफ और आतंकी संगठन हमास के पक्ष में वोट दिया। अफगान संकट के दौरान भारत सरकार कतर के चक्कर लगाती रही, ताकि वह तालिबान से रिश्ते बना सके। दुबई की पहचान एक मनी लॉन्ड्रर के रूप में है और वह बीसीसीआई को कंट्रोल करता है। और सुनना चाहते हैं?’

नुपुर शर्मा व परिवार को सुरक्षा
बता दें, विवादित बयान को लेकर नुपुर शर्मा के खिलाफ महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों में केस दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र पुलिस ने उन्हें तलब किया है। इधर, बयान के बाद लगातार दी जा रही जान से मारने की धमकियों के बाद दिल्ली पुलिस ने नुपुर व उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई है।

ओवैसी ने की गिरफ्तारी की मांग
उधर, एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने विवाद को फिर हवा दी है। महाराष्ट्र के लातूर में एक रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, पीएम मोदी ने भारत के मुसलमानों की बात न सुनकर मुस्लिम देशों की बात को ज्यादा तवज्जो दी। उन्होंने नुपुर शर्मा या नवीन जिंदल का नाम लिए बगैर कहा, पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी के लिए दोनों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, जब हमारे देश के मुसलमान इस मुद्दे को उठा रहे थे, तब कोई कार्रवाई नहीं की गई। उनकी बात पर ध्यान ही नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि नेताओं को छह या आठ महीने बाद निलंबन समाप्त नहीं होना चाहिए।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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