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Wednesday, March 12, 2025

‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत एयरो स्पेस की दुनिया में अपनी क्षमताओं को बढ़ा रहा

‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत भारत रक्षा प्लेटफार्मों और अलग-अलग तरह की मिसाइलों का निर्माण करके लगातार एयरो स्पेस की दुनिया में अपनी क्षमताओं को बढ़ा रहा है। इसी क्रम में सेना ने ‘मेक इन इंडिया’ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए सरकार के सामने प्रस्ताव रखा है।

सेना को मिलेंगी आकाश प्राइम एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की दो नई रेजिमेंट

अब भारतीय सेना को दुश्मन के विमानों और ड्रोन को मार गिराने की अपनी क्षमता को बढ़ावा देने के लिए आकाश प्राइम मिसाइल की दो नई रेजिमेंट मिलेंगी। हालांकि, भारतीय सेना के पास पहले से ही आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम की दो रेजिमेंट हैं, जिन्हें गलवान घाटी में हिंसा के बाद चीन सीमा पर तैनात किया गया था। अब दो और रेजिमेंट मिलने से देश की वायु रक्षा को और अधिक मजबूती मिलेगी।

दो और रेजिमेंट मिलने से देश की वायु रक्षा को मिलेगी मजबूती

सेना के पास पहले से ही आकाश मिसाइल की दो रेजिमेंट हैं। दरअसल, भारतीय सेना पाकिस्तान और चीन के साथ सीमा पर तैनाती के लिए दो और रेजिमेंट जोड़ना चाहती है। भारतीय सेना ने रक्षा मंत्रालय के सामने आकाश प्राइम मिसाइलों की दो रेजिमेंट बनाने का प्रस्ताव रखा है। नई आकाश मिसाइलों में पूर्व के संस्करणों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन रेंज है। इसका प्राथमिक उद्देश्य पाकिस्तान और चीन के साथ पहाड़ी सीमाओं पर किसी भी विमान की घुसपैठ से बचना है।

अधिग्रहण की लागत होगी 10,000 करोड़ रुपए

इसके अधिग्रहण की लागत 10,000 करोड़ रुपए होगी। भारतीय सेना के पश्चिमी और दक्षिण पश्चिमी कमानों ने आकाश प्राइम मिसाइलों के मौजूदा संस्करण की लगभग एक दर्जन परीक्षण फायरिंग की है।

आकाश प्राइम मिसाइल की खासियत

आकाश प्राइम मिसाइलें बेहतर सटीकता के लिए स्वदेशी सक्रिय रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) से लैस हैं। आकाश के पुराने संस्करण के विपरीत ‘प्राइम’ मिसाइल को उच्च ऊंचाई पर कम तापमान वाले वातावरण में अधिक विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए संशोधित किया गया है। मौजूदा आकाश प्राइम प्रणाली ने परीक्षणों के दौरान भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के विश्वास को और बढ़ाया है। मिसाइल को 4,500 मीटर तक की ऊंचाई पर तैनात करके लगभग 25-30 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य को मार गिराया जा सकता है।

सबसे सफल स्वदेशी मिसाइलों में से एक

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन और विकसित और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) द्वारा निर्मित आकाश मिसाइल भारतीय सेना और वायु सेना में शामिल की गई सबसे सफल स्वदेशी मिसाइलों में से एक है। इस मिसाइल को 2014 में भारतीय वायुसेना में और 2015 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था। 96 प्रतिशत स्वदेशी तकनीक पर आधारित यह देश का सबसे महत्वपूर्ण मिसाइल सिस्टम है जिसे अब दूसरे देशों को भी निर्यात करने की मंजूरी सरकार से मिल चुकी है। इस मिसाइल का प्रदर्शन कई अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों जैसे डिफेंस एक्सपो, एयरो इंडिया के दौरान भी किया गया। आकाश मिसाइल सिस्टम को खरीदने में पूर्वी एशिया और अफ्रीका के 9 देशों ने दिलचस्पी दिखाई है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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