पंजाब के सीएम भगवंत मान ने सरकारी और पंचायती जमीनों से अवैध कब्जे हटाने का चेतावनी भरा फरमान जारी किया है। मान ने ट्वीट किया कि मैं उन लोगों से आग्रह करता हूं जिन्होंने सरकारी या पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है, चाहे वे राजनेता हों या अधिकारी या कोई प्रभावशाली लोग, अपना अवैध कब्जा छोड़ दें और 31 मई तक जमीनों को सरकार को सौंप दें। अन्यथा पुराने खर्चे और नए पर्चे मिल सकते हैं।
ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में कुल 18,412 एकड़ पंचायत भूमि पर कब्जाधारियों द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया गया है। छह जिले ऐसे हैं जहां 1,000 एकड़ से अधिक पंचायत भूमि निजी व्यक्तियों के हाथों में है।
इनमें पटियाला 3,885 एकड़ के साथ सबसे ऊपर है, इसके बाद 3007 एकड़ के साथ कपूरथला, फतेहगढ़ साहिब में 2,448, लुधियाना में 1,943, जालंधर में 1,295 और अमृतसर में 1,092 एकड़ पंचायत भूमि पर कब्जा है। कुछ जिले ऐसे हैं जहां सबसे कम कब्जे हुए हैं। इनमें मोगा 32 एकड़, मानसा में 48, एसबीएस नगर में 56, बरनाला में 74 और फरीदकोट में 78 एकड़ शामिल हैं।
ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग हर साल लीज पर जमीन की नीलामी करता है। पिछले वित्तीय वर्ष की यदि हम बात करें तो लीज के जरिए पंचायत की जमीनों को देकर विभाग ने 384 करोड़ रुपये की कमाई की थी। ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप धालीवाल ने सभी पंचायत भूमि पर हुए अतिक्रमण की जांच के आदेश दिए हैं, जिसके बाद विशेष अभियान चलाया जा रहा है। पहले चरण में 31 मई तक 5,000 एकड़ पंचायत भूमि से अतिक्रमण हटाने का लक्ष्य विभाग ने रखा है।