पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत में जुबानी बहस जारी है। इसी बीच सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान जैसे राज्य के पानी की परियोजना को नेशनल प्रोजेक्ट का दर्जा नहीं मिलेगा तो किस राज्य को मिलेगा। यह स्थिति तो तब है, जब यहां के सांसद ही जलशक्ति मंत्री हैं। वो कुछ कर नहीं रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी मंशा है कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का काम शीघ्र पूरा हो, जिससे पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को पेयजल और सिंचाई का पानी मिल सके। प्रदेश सरकार ने ईआरसीपी पर अभी तक करीब 1000 करोड़ का व्यय किए हैं और इस बजट में 9600 करोड़ प्रस्तावित किए हैं।
राज्य सरकार के सीमित संसाधनों से इस परियोजना को पूरा होने में 15 साल लग जाएंगे और परियोजना की लागत भी बढ़ती जाएगी। केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देती है तो वहां से ग्रांट मिलने पर काम भी तेजी से पूरा होगा और कम लागत में काम हो सकेगा।
