मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री कोविड-19 योजना के तहत मृत कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति न दिए जाने के मामले को गंभीरता से लिया। जस्टिस विवेक की एकलपीठ ने मामले में मध्य प्रदेश शासन के सांस्कृतिक मंत्रालय व अन्य को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित समयावधि में जवाब नहीं दिया गया तो संयुक्त निर्देशक संस्कृति विकास मंत्रालय, निर्देशक साहित्य अकादमी, निर्देशक संस्कृति परिषद को व्यक्तिगत तौर पर 4 मई को उपस्थित होना होगा।
दरअसल भोपाल निवासी संतोष डावरे की ओर से याचिका दायर की गई थी। जो कि अनुसूचित जाति का सदस्य है और उसकी मां साहित्य अकादमी में दो दशकों से स्वीपर के पद पर कार्यरत् थी। कोविड-19 महामारी के दौरान मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने योजना जारी की थी, जिसके तहत सेवा के दौरान कोविड संक्रमण से मृत्यु होने वाले कर्मचारी के आश्रितों को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि व अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान किया गया था। आवेदक का कहना था कि उसकी मां की मृत्यु कोविड संक्रमण से होने के बाद भी उसे अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी गई, उसने उसे पाने के लिए कई अभ्यावेदन दिए, लेकिन उन पर कोई विचार नहीं किया गया, जिस पर उसने हाईकोर्ट की शरण ली थी। सुनवाई बाद न्यायालय ने शासन के विभागों को 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने का निर्देश दिए।