रेलवे सेक्टर में भविष्य की जरूरतों को देखते हुए भारतीय रेलवे ने रिसर्च को बढ़ावा देने का फैसला किया है साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट, सिस्टम एवं कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग और ट्रांसपोर्ट चेन मैनेजमेंट को बेहतर बनाने और इन क्षेत्रों से जुड़े नए कौशल का विकास करने के उद्देश्य से रेलवे ने 7 नए कोर्स शुरू किए हैं। ।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ वीके यादव ने कहा “ट्रांसपोर्ट सिस्टम में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए हमने अंतरविषय दृष्टिकोण को अपनाया है। इसके जरिए अकादमीशियन, वैज्ञानिक, इंजीनियर और दूसरे विशेषज्ञ एक प्लेटफॉर्म पर आकर आपसी साझेदारी को बढ़ाएंगे।”
सीईओ वीके यादव ने कहा कि इस तरह के पाठ्यक्रम का मकसद राष्ट्र निर्माण, इन्नोवेशन के प्रति प्रतिबद्धता, अकादमिक दक्षता और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी जैसे मूल्यों को स्थापित करना है। इसके जरिए रेलवे में प्रोजेक्ट आधारित शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा। भारतीय रेलवे इन पाठ्यक्रमों को लागू करने का मुख्य केंद्र होगा। यह पाठ्यक्रम छात्रों के साथ-साथ उसके शिक्षकों को व्यवहारिक अनुभव दिलाने में भी अहम भूमिका निभाएगा।
व्यवहारिक और एप्लीकेशन आधारित पाठ्यक्रम
उन्होंने कहा कि इस खासियत के जरिए विश्वविद्यालय को अलग पहचान मिलेगी। जिसमें व्यवहारिक और एप्लीकेशन आधारित दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही जो छात्र यहां से पढ़कर निकलेंगे वह अपने अनुभवों से राष्ट्रनिर्माण में एक अहम योगदान करेंगे।
रेल मंत्रालय के अनुसार, वड़ोदरा स्थित नेशनल रेल एंड ट्रांसपोर्टेशन इंस्टीट्यूट (एनआरटीआई) ने 7 नए पाठ्यक्रम लांच किए हैं। जिसमें स्नातक स्तर के 2 बी.टेक, 2 एमबीए और 3 एमएससी पाठ्यक्रम शामिल हैं, जो रेलवे के प्रमुख क्षेत्रों की मांग पूरा करेंगे। इसी तरह रेल इंफ्रास्ट्रक्टचर, सिस्टम और संचार इंजीनियरिंग के लिए 2 बी.टेक कार्यक्रम लांच किए गए हैं।
एमबीए पाठ्यक्रम
जबकि एमबीए पाठ्यक्रम ट्रांसपोर्टेशन और सप्लाई चेन प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए लांच किए गए हैं। जिनकी आने वाले समय में सबसे ज्यादा मांग होने वाली है। एमएससी, सिस्टम इंजीनियरिंग और इंटीग्रेशन पाठ्यक्रम के लिए प्रतिष्ठित यूनाइटेड किंगडम के बर्मिंघम विश्वविद्यालय से साझेदारी की गई है। इसके जरिए पाठ्यक्रम के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुभव मिलेंगे।
भारत में इस तरह के पाठ्यक्रम पहली बार किसी संस्थान में चलाए जाएंगे जो कंटेट के हिसाब से एकदम अलग होंगे। यह पाठ्यक्रम अंतरविषय और एप्लीकेशन आधारित होंगे। इसमें पांच पाठ्यक्रम दो वर्ष की अवधि के हैं। इसमें ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट में एमबीए, सप्लाई चेन प्रबंधन में एमबीए, एमएससी, सिस्टम इंजीनियरिंग और इंटीग्रेशन, ट्रांसपोर्ट तकनीकी और नीति में एमएससी, ट्रांसपोर्ट इंफॉर्मेशन एंड एनॉलिटिक्स में एमएससी शामिल है।
ट्रांसपोर्ट प्रबंधन में एमबीए और ट्रांसपोर्टेशन तकनीकी में बीएससी की अवधि तीन वर्ष की है। रेल इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग में बी.टेक और रेल सिस्टम एवं संचार इंजीनियरिंग में बी.टेक चार साल की अवधि के पाठ्यक्रम हैं।