पिछले साल 15 जून को चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी पर कब्जा करने की कोशिश की थी। इस रोकने में 16 बिहार बटालियन के कर्नल बी संतोष बाबू समेत 5 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इन शहीदों को इस साल गणतंत्र दिवस पर गैलेंट्री मेडल से सम्मानित किया जाएगा। हालांकि रक्षा मंत्रालय और भारतीय सेना ने पदकों की संख्या के बारे अभी तक कुछ नहीं कहा है कि गलवान में शहीद हुए दो अधिकारियों और तीन सैनिकों को सम्मानित किया जाना है।
बता दें कि इस गतिरोध में कुल 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे लेकिन चीनी सेना को भारी नुकसान पहुंचाने के बाद। हालांकि पीएलए ने अपने मृत सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया, लेकिन उस दिन खुफिया और संचार पर आधारित भारतीय सेना के अनुमानों से संकेत मिला कि झड़प में शामिल बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर सहित 50 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए थे।
जब चीनी सैनिकों ने दोनों देशों के बीच हुए समझौते के अनुरूप पैट्रोलिंग पॉइंट 14 के पास एक स्थान से हटने से इनकार कर दिया और झड़प शुरू हो गई, तो भारतीय सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की। पीएलए के सैनिक कांटेदार तार की छड़ें और भाले लेकर तैयार हो गए थे। भारतीय सैनिक संख्या में कम थे, लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सात घंटे के संघर्ष में चीनी सैनिकों को पीछे ढकेलने में कामयाब रहे। इसके तुरंत बाद लद्दाख पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैनिकों की बहादुरी और साहस को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने सेना से कहा, “भारत माता के दुश्मनों ने आपकी आग और भड़का दी है।”