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Saturday, July 5, 2025

सिंघु बॉर्डर पर किसान ने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली

कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार के रुख से नाराज एक और किसान ने शनिवार को सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। सिंघु बॉर्डर पर देर शाम हुई इस घटना से किसान दुखी और गुस्से में है। किसान की मौत की खबर के बाद बॉर्डर पर किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमक नारेबाजी भी की है। यह पहला मौका नहीं है जब इन कानूनों के खिलाफ किसी किसान ने आत्महत्या की हो, इससे पहले भी किसानों के समर्थन में एक संत के अलावा एक और किसान आत्महत्या कर चुके है।

जानकारी के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर पर शनिवार देर शाम जब मंच से वक्ताओं का कार्यक्रम खत्म हो रहा था। उसी समय पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से आए करीब 40 साल के अमरिंदर सिंह ने मंच के पीछे ही सल्फास खा लिया। चिल्लाते हुए मंच के सामने आ गए। वे कुछ बोलते-बोलते वहीं बेहोश होकर गिर पड़े। उनके मुंह से झाग निकल रहा था। आनन-फानन में उन्हें वहीं नजदीक स्थित फ्रैंक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल ले जाया गया।

संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, इलाज के दौरान शाम करीब साढ़े सात बजे उनकी मौत हो गई। यह खबर सिंघु बॉर्डर पहुंचते ही किसानों में काफी रोष है। एक और किसान की मौत की खबर के बाद किसानों ने वहां देर शाम जमकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। मौके से अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

गाजीपुर बॉर्डर पर किसान ने की थी आत्महत्या
इससे पहले 2 जनवरी को गाजीपुर बॉर्डर पर एक किसान कश्मीर सिंह ने शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि उनकी शहादत बेकार नहीं जानी चाहिए। साथ ही आत्महत्या करने वाले किसान ने इच्छा जताई थी कि दिल्ली सीमा पर ही अंतिम संस्कार किया जाए। दूसरी तरफ, एक जनवरी को गाजीपुर सीमा पर ही 57 वर्षीय प्रदर्शनकारी किसान मोहर सिंह की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। वे उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के रहने वाले थे।

संत बाब राम सिंह ने खुद को मारी थी गोली
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन के दौरान ही पिछले महीने 16 दिसंबर को संत बाबा राम सिंह ने आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने खुद को गोली मार ली थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। यह घटना करनाल में बॉर्डर के पास हुई थी। अमरिंदर सिंह की तरह ही संत बाबा राम सिंह भी किसानों के साथ सरकार के रवैये से आहत थे।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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