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Friday, June 27, 2025

भगत सिंह के गांव खटकड़कलां में शपथ ग्रहण समारोह आज, लाखों लोगों के पहुंचने की उम्मीद

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हिजाब मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल अपील की जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है और स्कूल व कॉलेज में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के राज्य सरकार के निर्णय को बरकरार रखा था।

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील संजय हेगडे ने चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष इस याचिका का उल्लेख करते हुए जल्द सुनवाई की गुहार लगाई। हेगड़े ने कहा, ‘अत्यावश्यकता यह है कि कई लड़कियां हैं जिन्हें कॉलेजों में जाना है।

छुट्टियों के बाद सूचीबद्ध होगा मामला
हालांकि, चीफ जस्टिस रमण ने सोमवार को मामले को सूचीबद्ध करने से इनकार करते हुए कहा, ‘दूसरों ने भी इस मामले का उल्लेख किया है। हम होली की छुट्टियों के बाद मामले को सूचीबद्ध करने पर विचार करेंगे।’ चीफ जस्टिस ने सुनवाई के लिए कोई तारीख निर्धारित नहीं की है।

याचिकाकर्ता का तर्क- यह निजता का मामला
दरअसल, मुस्लिम छात्रा निबा नाज़ ने एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड(एओआर) अनस तनवीर के माध्यम से यह एसएलपी दायर की है। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट यह गौर करने में विफल रहा कि हिजाब पहनने का अधिकार ‘अभिव्यक्ति’ के दायरे में आता है और इस प्रकार यह संविधान के अनुच्छेद-19 (1) (ए) के तहत संरक्षित है। याचिका में यह भी तर्क दिया गया है कि हाईकोर्ट इस तथ्य पर ध्यान देने में विफल रहा कि हिजाब पहनने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत निजता के अधिकार के दायरे में आता है।

यूनिफार्म के संबंध में याचिका में कहा गया है कि कर्नाटक शिक्षा अधिनियम, 1983 और उसके तहत बनाए गए नियम छात्रों के लिए किसी भी अनिवार्य यूनिफार्म का प्रावधान नहीं करते हैं। याचिका में यह भी कहा गया है कि अधिनियम या नियमों में ‘कॉलेज विकास समिति’ के गठन की अनुमति देने का कोई प्रावधान नहीं है। इस तरह की समिति को किसी शैक्षणिक संस्थान में यूनिफॉर्म या किसी अन्य मामले को विनियमित करने की कोई शक्ति नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर
वहीं हिन्दू सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने वकील वरुण कुमार सिन्हा ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की है। यानी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को अपना निर्णय देने से पहले हिन्दू सेना के उपाध्यक्ष का पक्ष सुनना होगा।

कॉमन ड्रेस कोड पर जल्द सुनवाई नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कॉमन ड्रेस कोड पर भी जल्द सुनवाई से मना कर दिया है। दरअसल, भाजपा नेता व वकील अश्विनी उपाध्याय की ओर से दायर की गई याचिका में मांग की गई है कि देश के सभी स्कूलों में कॉमन ड्रेस कोड लागू किया जाए और इस पर जल्द से जल्द सुनवाई हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि, इस मामले को जल्द सुना जाना जरूरी नहीं है। भाजपा नेता का कहना है कि कॉमन ड्रेस कोड से सामाजिक और राष्ट्रीय एकता के भाव को बढ़ावा मिलेगा

मालूम हो कि कर्नाटक हाईकोर्ट की एक पूर्ण पीठ ने मंगलवार सुबह फैसला सुनाया था कि हिजाब पहनना इस्लामी आस्था में आवश्यक धार्मिक प्रैक्टिस का हिस्सा नहीं है, इसलिए यह संविधान के अनुच्छेद-25 के तहत संरक्षित नहीं है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि राज्य द्वारा स्कूल यूनिफॉर्म का निर्धारण अनुच्छेद-25 के तहत छात्रों के अधिकारों पर एक उचित प्रतिबंध है और इस प्रकार कर्नाटक सरकार द्वारा पांच फरवरी को जारी सरकारी आदेश उनके अधिकारों का उल्लंघन नहीं है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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