दिल्ली चिड़ियाघर में बीते ढाई वर्षों में सात बाघों व एशियाई शेरों ने दम तोड़ा है। अधिकतर मौतें किडनी फेल होने की वजह से हुई है। यह तब है जब दिल्ली चिड़ियाघर खुद ही एशियाई शेरों और बंगाल के बाघों के संरक्षण, प्रजनन में भागीदार है।
रिकॉर्ड के मुताबिक, चार शेरों और बाघों की मौत किडनी खराब होने के कारण हुई है। दिल्ली चिड़ियाघर की 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, ये जानवर गुर्दे की बीमारियों से ग्रस्त थे। संवर्धन उपकरण व व्यायाम की कमी के कारण मोटापा और रूढ़िवादी व्यवहार की कमी भी देखी गई है। इससे निपटने के लिए प्रशासन की ओर से विविध भोजन प्रदान करने पर भी जोर दिया जा रहा है। इसके लिए खाने में शेवॉन (बकरे का मीट) और संवर्धन उपकरण पर विशेष जोर दिया गया है। साथ ही रक्त नमूनों की नियमित जांच की