मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि पहले चरण के चुनाव में भाजपा को सभी वर्गों का जबर्दस्त समर्थन मिला है। पहले चरण में जातिवाद और किसान आंदोलन के नाम पर मतदाताओं में भ्रांतियां पैदा करने की विपक्ष की मंशा निष्फल हो गई। सीएम योगी का दावा है कि आगे के चरणों में भी यह सिलसिला जारी रहेगा और भाजपा 2022 में भी 2017 की पुनरावृत्ति करेगी।
ध्रुवीकरण के सवाल पर उनका कहना है कि भाजपा को इसकी जरूरत ही नहीं है, क्योंकि महिलाएं, युवा, व्यापारी, किसान सभी उसके साथ हैं। योगी के अनुसार रामपुर में मो. आजम खां भाजपा के लिए कोई चुनौती नहीं हैं। उन्होंने चुटकी ली कि अखिलेश यादव कब चाहते थे कि आजम खां बाहर हों? हिजाब को लेकर चल रहे विवाद पर वह कहते हैं कि देश की व्यवस्था संविधान से चलनी चाहिए, शरीयत से नहीं। कोई मत, मजहब, संप्रदाय, देश से बड़ा नहीं हो सकता।
उन्होंने सपा-बसपा पर नई पेंशन स्कीम को लेकर कर्मचारियों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उम्मीद जताई कि कर्मचारी इनके बहकावे में नहीं आएंगे। रविवार को तीसरे चरण के चुनाव प्रचार के लिए निकलने से पहले उन्होंने चुनाव की संभावनाओं समेत तमाम मुद्दों पर से विस्तार से बात की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश…
पहले चरण के चुनाव हो गए हैं, क्या संभावना दिखाई दे रही है?
पहले चरण में जनता जनार्दन, खास तौर पर महिलाओं ने जिस तरह से भाजपा को अपना आशीर्वाद दिया, उसने हमारे प्रत्येक कार्यकर्ता को उत्साहित किया है। विपक्ष की ओर से जातिवाद के आधार और किसान आंदोलन के नाम पर जो भ्रांतियां पैदा की जा रही थीं, वह सभी निष्फल हुई हैं। विपक्ष की मंशा सफल नहीं हो पाई। प्रथम चरण के चुनाव ने साबित कर दिया है कि भाजपा 2017 की पुनरावृत्ति 2022 में भी कर रही है।
पहले दौर के चुनाव के क्या सबक हैं, क्या भाजपा अपनी रणनीति में कोई बदलाव करेगी?
– चुनाव के प्रति भाजपा जितनी सजग है, उससे भी ज्यादा सजग हमारे समर्थक व मतदाता हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में हमारा अभियान लगातार आगे बढ़ रहा है। सुरक्षा का बोध, गरीब कल्याणकारी योजनाओं का लाभ, कोरोना प्रबंधन और बिना भेदभाव के विकास के जो कार्य हुए हैं, उससे समाज का प्रत्येक तबका बहुत उत्साहित है। सभी का समर्थन और आशीर्वाद भाजपा को प्राप्त हो रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा ने पहले चरण में ध्रुवीकरण का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो पाई। आपका क्या मानना है?
– हमें ध्रुवीकरण करने की आवश्यकता ही क्या है? दंगामुक्त, भयमुक्त वातावरण भाजपा की डबल इंजन सरकार की देन है। यह तो हरेक बेटी, हरेक महिला के मुंह से आप सुन सकते हैं। वे स्वयं ही हमारे पक्ष में ध्रुवीकृत थीं। महिलाएं,युवा, व्यापारी, हर किसान, सभी भाजपा के समर्थन और पक्ष में थे। पार्टी लाइन से हटकर जाति, धर्म, मजहब से ऊपर उठकर महिलाओं ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया है।
अखिलेश यादव कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कह रहे हैं कि माफिया हमारे नहीं भाजपा के साथ हैं?
– देखिए, जब माफिया के ऊपर बुलडोजर चलते हैं तो सपा व अन्य दलों की पीड़ा उस समय देखने को मिलती है। ये चीजें दिखाती हैं कि इनकी संवेदना गरीब, किसान, महिलाओं की सुरक्षा और नौजवान के प्रति नहीं है। इनकी संवेदना गरीबों की योजनाओं व विकास की योजनाओं पर डकैती डालने वाले पेशेवर अपराधियों, माफिया और दंगाइयों के प्रति है। टिकटों की जो सूची जारी हुई है, उससे भी यह स्पष्ट होता है।
हिजाब विवाद पर भाजपा का क्या रुख है?
– हम लोगों का यह मानना है कि देश की व्यवस्था संविधान से चलनी चाहिए, शरीयत से नहीं। कोई मत, मजहब, संप्रदाय, देश से बड़ा नहीं हो सकता। मेरी व्यक्तिगत आस्था मेरे पास होनी चाहिए, मेरे घर में होनी चाहिए, मेरे स्वयं के दायरे में रहनी चाहिए। हम उसको संविधान से बड़ा बनाने का प्रयास न करें।
कई ओबीसी नेता भाजपा छोड़कर गए हैं। इसका चुनाव पर कितना असर पड़ेगा?
चुनाव के दौरान हर व्यक्ति एक मंशा पाले बैठा रहता है। भाजपा वंशवाद, परिवारवाद और जातिवाद पर विश्वास नहीं करती है। हम राष्ट्रवाद की बात करते हैं, तो विपक्ष परिवारवाद व जातिवाद की बात करता है। हम विकासवाद की बात करते हैं, तो वे संप्रदायवाद की बात करते हैं। हम लोक कल्याण की बात करते हैं, तो वे तुष्टीकरण की बातें करते हैं। ये फर्क साफ दिखता है। कुछ लोग इस मंशा से आए थे कि पूरे खानदान को टिकट दिलवा दें। जब उनकी मंशा पूरी होती नहीं दिखी, तो उन्होंने दूसरी तरफ का रुख किया है। उनसे पूछा जाना चाहिए कि कितने संतुष्ट हैं।
आपने 80 बनाम 20 का मुद्दा उठाया है। इसके अलग-अलग अर्थ निकाले जा रहे हैं। क्या मायने हैं इसके?
– जो सुरक्षा का पक्षधर है, जो विकास का पक्षधर है, गरीब कल्याण योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने का पक्षधर है, सबका साथ, सबका विकास की भावना पर जो विश्वास करते हैं, वे 80 फीसदी हैं। जो पेशेवर माफिया, अपराधी, दंगाई व भ्रष्टाचारी हैं या इनका समर्थन करते हैं वे 20 प्रतिशत होंगे। यह 80 बनाम 20 प्रतिशत की लड़ाई है। पहले चरण के मतदान में यह बहुत अच्छे ढंग से देखने को मिला है।
रुहेलखंड को लेकर क्या विजन रहेगा आपकी सरकार का?
– हमने विकास की परियोजनाओं को प्रभावी ढंग से पूरे प्रदेश में बिना भेदभाव के देने का काम किया है। पश्चिम हो या रुहेलखंड पहले यहां व्यापक दंगे होते थे। 2003 से 2017 के बीच जब सपा, बसपा की सरकारें रहीं, इन क्षेत्रों में हजारों दंगे हुए। इन दंगों में व्यापक जनधन की हानि हुई थी। हमारी सरकार ने दंगों को सख्ती के साथ रोका। बेटियां स्कूल नहीं जा पाती थीं, महिलाएं बाजार नहीं जा पाती थीं। हमने भयमुक्त वातावरण दिया। अब यह क्षेत्र प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है। हम लोग जनता के दरबार में अपील कर रहे हैं कि सुरक्षा, सम्मान और विकास का अभियान चला है। दंगा और कर्फ्यू का स्थान आज आस्था और कांवड़ जैसी यात्राएं ले रही हैं। कोरोना भी आज यहां की प्रगति को नहीं रोक पा रहा है। सुरक्षा, विकास व गरीब कल्याण का जो क्रम डबल इंजन की सरकार ने प्रारंभ किया है, वह अनवरत बना रहे, इसके लिए भाजपा की सरकार यूपी में आवश्यक है।
घोषणापत्र में कर्मचारियों के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, कैसे समझाएंगे कर्मचारियों को?
– भाजपा का लोक कल्याण संकल्प पत्र 25 करोड़ जनता की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है।16 लाख कर्मचारी इसी प्रदेश के नागरिक हैं। जो प्रदेश के हित में है, वह कर्मचारियों के हित में है। यूपी के सरकारी कर्मचारियों को समय से वेतन देने, कोरोनाकाल खंड में उनके वेतन में कोई कटौती न करने वाली यूपी सरकार देश की चुनिंदा सरकारों में से एक है। सपा-बसपा गुमराह करके कर्मचारियों को बहकाना चाहती हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि सरकारी कर्मचारी उनके बहकावे में आएंगे। नई पेंशन योजना तो सपा सरकार ने ही लागू की थी। लेकिन उन्होंने कर्मचारियों का खाता नहीं खोला। राज्य सरकार की तरफ से जो कर्मचारी अंशदान था, वह जमा ही नहीं कराया गया। हमारी सरकार आने के बाद हर कर्मचारी का खाता खोला गया। राज्य का अंशदान 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया गया। कोरोनाकाल खंड में बिना कटौती के समय पर वेतन और टीए-डीए का भुगतान किया गया।
रामपुर में आजम खां कितनी बड़ी चुनौती हैं?
– आजम खां हमारे लिए पहले भी चुनौती नहीं थे और आज भी नहीं हैं। जैसी करनी-वैसी भरनी।
अखिलेश आरोप लगा रहे हैं कि आजम को गलत तरीके से फंसाया गया है?
– उनका यह वक्तव्य न्यायालय की अवमानना है। न्यायालय ने उनके कृत्यों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की है। अखिलेश यादव कब चाहते थे कि आजम खां बाहर हों?
तमाम सीटों पर अभी प्रत्याशी घोषित नहीं हो पाए हैं। भाजपा के साथ गठबंधन करने वाले दलों के सीटों की स्थिति भी साफ नहीं हो पाई है। क्या पेच फंसा है?
– हमारे यहां सीटों को लेकर कोई विवाद नहीं है। गठबंधन के दलों के साथ जिन मुद्दों पर चर्चा हुई है, उसके अनुरूप सभी सीटों का बंटवारा हो चुका है। हमारे यहां सीटों पर कहीं कोई विवाद नहीं है।
बड़ी संख्या में पद खाली हैं। सरकारी नौकरी को लेकर युवा लगातार सवाल उठा रहे हैं?
– हमारी सरकार ने बिना भेदभाव के पांच लाख सरकारी नौकरियां दी हैं। इतनी नियुक्तियां तो 2003 से 2017 तक 14 वर्षों में भी नहीं हो पाई थीं। ओडीओपी के तहत एमएसएमई सेक्टर में 1.61 करोड़ नौजवानों को रोजगार और नौकरी उपलब्ध कराई गई है। परंपरागत हस्तशिल्पियों और कारीगरों को बैंकों से जोड़कर 60 लाख उद्यमियों को स्वत: रोजगार से जोड़ने में भी मदद मिली है। 2016-17 में प्रदेश में बेरोजगारी दर 18 फीसदी थी, जो आज तीन प्रतिशत रह गई है। अभी इसमें बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है। हम लोगों के समय में पारदर्शी तरीके से भर्तियां हुई हैं। एक भी भर्ती में कोई लेन-देन की बात नहीं कर सकता। कोई भ्रष्टाचार नहीं। लेकिन इसमें और तेजी लाने की आवश्यकता है और इसके लिए हमारी सरकार ने पूरी रणनीति बनाई है। इसे औैर तेजी से बढ़ाएंगे। हरेक युवा को उसकी योग्यता के अनुसार अवसर मिलना चाहिए, सरकार इसकेलिए पूरी तरह से सजग है। कोरोना जैसे कालखंड में भी हम लोगों ने एक करोड़ युवाओं को टैबलेट और स्मार्ट फोन देने की कार्यवाही शुरू की है। अगले पांच वर्षों में इसे दो करोड़ पहुंचाने के लक्ष्य के साथ हम काम कर रहे हैं।
छुट्टा पशुओं की समस्या का समाधान नहीं हो पाया?
– यह कहना गलत है कि इसका हल नहीं निकाला गया। हमारी सरकार नौ लाख गोवंश की वर्तमान में देखभाल कर रही है। प्रदेश में 5500 से अधिक गौशालाएं बनाई गई हैं। जिसे सरकार संचालित करती है। दूसरी सहभागिता योजना है, जिसके तहत कोई भी किसान चार गोवंश तक अपने यहां रख सकता है। सरकार की ओर से उसे प्रति गोवंश 900 रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं। तीसरा पोषण मिशन के तहत कुपोषित परिवार को एक दूध देने वाली गाय दी जाती है। उसकी देखभाल के लिए 900 रुपये प्रतिमाह दिया जाता है। आने वाले समय में दो और योजनाएं शुरू होने जा रही हैं। एक नस्ल सुधार कार्यक्रम है और दूसरा हरेक गो आश्रय स्थल की क्षमता बढ़ाकर दोगुनी करने की है।
चुनाव में सरकार के खिलाफ कम, स्थानीय विधायकों को लेकर ज्यादा नाराजगी है। क्या कहेंगे?
– वोट कमल के फूल को देना चाहिए जनता को। निर्णय सरकार करती है। सरकार ने बिना भेदभाव के विकास कराया है, सुरक्षा दी है। सरकार पूरी मजबूती के साथ इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाएगी।