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Friday, June 27, 2025

भाजपा-सपा में कड़े मुकाबले के आसार, जातीय समीकरणों ने लिख दी रोमांचक दंगल की पटकथा

जिला मैनपुरी की विधानसभा सीट भोगांव कई मायनों में खास है। एक ओर आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री भाजपा से फिर से चुनावी दंगल में उतरे हैं, तो सपा से पूर्व मंत्री आलोक शाक्य ताल ठोक रहे हैं। शाक्य का भी इस सीट से गहरा नाता रहा है। 2012 तक लगातार पांच बार ये सीट उनके परिवार के खाते में ही रही थी। वहीं, बसपा से अशोक कुमार, कांग्रेस से ममता राजपूत, आम आदमी पार्टी से संतोष श्रीवास्तव समेत कुल नौ प्रत्याशी चुनावी दंगल में अपना दमखम दिखाने के लिए पूरी जोर-आजमाइश कर रहे हैं।

भोगांव विधानसभा सीट के जातिगत आंकड़ों के अनुसार यहां लोधी, क्षत्रिय और ब्राह्मण के साथ ही अन्य पिछड़ी जातियों का भी एक हिस्सा यहां भाजपा का वोट बैंक माना जाता है। वहीं, सपा का गणित यहां दूसरा है। यादव के साथ-साथ मुस्लिम व दूसरे नंबर पर आने वाले शाक्य मतदाताओं को लामबंद करने की कोशिश में सपा जुटी हुई है। शाक्य बिरादरी यहां कितनी अहम हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एडवोकेट रामऔतार शाक्य यहां से दो बार सपा से विधायक रहे, तो लगातार तीन बार उनके बेटे आलोक शाक्य यहां से विधायक चुने गए।

2012 में सपा सरकार में वे राज्यमंत्री भी रहे। पर, 2017 में यहां फिजा बदली और भाजपा से रामनरेश अग्निहोत्री ने बड़ा उलटफेर करते हुए जीत दर्ज की। इस उलटफेर का अग्निहोत्री को इनाम भी मिला और वे आबकारी मंत्री बने। अग्निहोत्री के पलड़े की ओर देखें तो आबादी के हिसाब से यहां पहले स्थान पर लोधी मतदाता हैं। लोधी बिरादरी में उनकी अच्छी पहुंच और पकड़ है। साथ ही क्षत्रिय, ब्राह्मण के अलावा अन्य पिछड़ी जातियों को रिझाने में वे जुटे हैं। अगर दोनों पलड़ों को समग्र रूप से देखें तो यहां मुकाबला कांटे का है।

बहरहाल, सपा के सामने फिर से अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की चुनौती है तो भाजपा को इस जमीन पर मजबूती से कदम जमाए रखने की चुनौती है। बहरहाल, दोनों विकास की बात कर रहे हैं। वहीं, जनता में भी विकास और रोजगार पर बहुत सवाल हैं। ग्रामीण क्षेत्र आज भी जहां पिछड़े हैं, तो वहीं रोजगार के यहां इंतजाम नहीं हैं। गांव लक्ष्मणपुर निवासी प्रवेश कुमार सवाल उठाते हैं, युवाओं को जहां नौकरी के लिए दिल्ली और गुजरात जाना पड़े, तो ऐसी सरकार का क्या फायदा? हालांकि, कौन उनके सपनों को पूरा करने का माद्दा रखता है, इस सवाल पर वे चुप्पी साध लेते हैं। यही हाल ज्यादातर मतदाताओं का है। वे सवाल तो उठाते हैं, पर अपने पत्ते नहीं खोलते।

2017 का परिणाम
रामनरेश अग्निहोत्री, भाजपा, 92,697
आलोक शाक्य, सपा 72,400
सुरेंद्र सिंह यादव,. बसपा 26,041

प्रमुख मुद्दे
– रोजगार उपलब्ध न होना
– मेडिकल कॉलेज की स्थापना
– पराग डेयरी प्लांट का संचालन
– ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों का सुधार
– क्षेत्र में बड़ा उद्योग न होना

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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