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Tuesday, July 8, 2025

मुख्यमंत्री योगी ने कहा- चुनाव जातियों के दायरे से बाहर निकलकर जीत की तरफ बढ़ गया है

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में भाजपा की बड़ी जीत का दावा करते हैं। कहते हैं, माहौल भाजपा के पक्ष में है। चुनाव जातियों के दायरे से बाहर निकलकर 2017 की तर्ज पर रिकॉर्ड जीत की तरफ बढ़ गया है। उन्होंने याद दिलाया, 2019 के लोकसभा चुनाव में जब सपा-बसपा-रालोद का गठबंधन था, तब राजनीतिक विश्लेषक क्या बोलते थे ? परिणाम क्या रहा? सपा पांच सीटों पर सिमट गई और भाजपा ने 64 सीटें जीतीं। सीएम दावा करते हैं, पांच साल में भाजपा ने जो कहा, वह करके दिखाया, अब भी जो कहेंगे, करके दिखाएंगे। अन्नदाताओं के लिए जितना काम भाजपा ने किया, उतना किसी ने नहीं किया। इसलिए न तो सरकार के खिलाफ नाराजगी है, न ही किसान आंदोलन का असर। अखिलेश से जयंत की दोस्ती पर वह कहते हैं, बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना।

पश्चिमी यूपी में सपा-रालोद गठबंधन के जाट मुस्लिम समीकरण का असर नहीं है। दो दिन पहले मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना और खतौली गया था। वहां उमड़ा जनसैलाब जिसने देखा होगा, उन्हें पता है कि ये चुनाव जातियों से बाहर निकल चुका है। प्रदेश की जनता 2014, 2017 और 2019 के चुनावों में जातिवाद को तिलांजलि दे चुकी है। उनकी सोच जातिवादी, परिवारवादी, वंशवादी है और उनका काम दंगावादी है। वे पलायन कराने वालों को संरक्षण देते हैं। जनता जानती है कि जातिवाद, परिवारवाद, वंशवाद की राजनीति से प्रदेश पिछड़ा है। इनसे कोई उम्मीद नहीं है, इसलिए जनता भाजपा के साथ है। चुनाव विश्लेषक तो 2019 में भी कहते थे कि सपा, बसपा, रालोद का महागठबंधन हुआ है, नतीजों पर असर दिखेगा, लेकिन क्या हुआ। सपा पांच सीटों पर सिमट गई, भाजपा की 64 सीटें आई। चुनाव उसी दिशा में जा चुका है।

भाजपा से ब्राह्मण नाराज नहीं हैं। मैं राष्ट्रवाद की बात करता हूं, तो वे जातिवाद की बात करते हैं। क्या रामजन्म भूमि से ब्राह्मण नाराज होता है? क्या  कांवड़ यात्रा से निकलने से नाराज होता है, नए विश्वविद्यालय खुलने और संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने से ब्राह्मण नाराज होता है? नाराज होने की बातें सिर्फ तमंचावादी करते हैं, जिनके समय में नीरज मिश्रा की हत्या हुई। लोग राष्ट्रवाद, विकास और सुशासन के मुद्दे पर मतदान करेंगे।

25 करोड़ आबादी वाले यूपी में दो वर्ष में यहां 23000 मौतें हुईं हैं। हर मौत दुखद है, पर पौने दो करोड़ आबादी वाली दिल्ली में 30 हजार और 12 करोड़ वाले महाराष्ट्र में 1.80 लाख लोगों की जान गई। बेहतर सुविधाओं वाले अमेरिका की आबादी 33 करोड़ है, वहां सात लाख लोगों की जान गई। दूसरी लहर खतरनाक थी, लेकिन मैं खुद हर जिले में गया। दिल्ली के मरीजों को पश्चिमी यूपी ने ही ऑक्सीजन और उपचार दिया। ऑक्सीजन उत्पादन में यूपी आत्मनिर्भर हुआ है। 551 नए ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट लग चुके हैं। तीसरी लहर ख्ात्म भी हो चुकी है। यह कोरोना प्रबंधन यूपी का है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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