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Monday, June 23, 2025

आठ हजार फुट की ऊंचाई पर 5 फुट बर्फ में एलओसी, पर मोर्चा संभाल रहे जांबाज

भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के उस पार आतंकियों की हलचल तेज होने के इनपुट हैं। इधर आठ हजार फुट से ज्यादा ऊंचाई वाले हाजीपीर क्षेत्र में तीन से पांच फुट बर्फ की चादर बिछी है। हिमस्खलन और खून जमा देने वाली बर्फीली हवाओं की चुनौती है, लेकिन भारतीय सेना के जांबाज इन बेहद मुश्किल भौगोलिक परिस्थितियों में भी पाकिस्तानी हरकत पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। यहां न पर्वतीय पगडंडी है और ना ही कोई रास्ता।

सीमा पार से घुसपैठ की साजिशों को नाकाम करने के लिए सैन्य जवान रस्सी के सहारे पूरे इलाके की निगहबानी कर रहे हैं। खराब मौसम से लेकर दुश्मन की चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार जवान कहते हैं कि उनके लिए चुनौतियां रुटीन ड्यूटी हैं। बर्फबारी के सीजन में सीमा पार हलचल बढ़ जाती है, जिसके लिए वे पहले से तैयारी कर चुके हैं। घुसपैठ के लिहाज से बेहद संवेदनशील इलाके का चप्पा-चप्पा लगातार उनकी नजर में है। बर्फ की मोटी चादर को चीरकर आगे बढ़ते जवान लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं।

जवान बोले – आधुनिक हथियारों ने बढ़ाई ताकत, अब सुविधाएं भी बेहतर

एलओसी पर बर्फ से लकदक हाजीपीर क्षेत्र में तैनात जवानों से जब ड्यूटी की चुनौतियों के बारे में पूछा गया तो वे बोले, आधुनिक हथियारों ने उनकी ताकत बढ़ा दी है। भारत निर्मित एलएमजी के स्थान पर हमें इस्राइल निर्मित नीगेब 7.62 एलएमजी प्रदान की गई है। इस बंदूक की एक हजार मीटर तक मारक क्षमता है। एक मिनट में छह से आठ सौ चक्र तक गोलीबारी दुश्मन के होश उड़ा देती है।

सुविधाओं में भी व्यापक सुधार हुआ है। दुश्मन की किसी भी नापाक हरकत को वह देखते और भांपते ही नाकाम कर सकते हैं। जवानों ने बताया कि रस्सी पकड़कर पेट्रोलिंग की जाती है। हाथ छूटने का मतलब कई किलोमीटर नीचे गहरी खाई में गिरना है। हाड़ कंपा देने वाली ठंड में हर कदम पर संतुलन और सतर्कता के साथ आगे बढ़ने के लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।

चुनौतियों के साथ जोश भी दोगुना

बर्फबारी के बाद पहाड़ों पर आवाजाही चुनौतीपूर्ण हो जाती है। जवानों ने बताया कि इस सीजन के लिए उन्होंने महीनों पहले से ही तैयारी कर ली है। सुदूरवर्ती चौकियों तक कई महीनों का राशन पहुंचा दिया गया है। चुनौतियां बढ़ने पर उनका जोश भी दोगुना हो जाता है। यहां पलक झपकते कुछ भी घट सकता है। इस नजरिए से उनकी नजर लगातार एलओसी पर रहती है। घंटों लगातार घुटनों तक शरीर बर्फ में रहता है, लेकिन पेट्रोलिंग जारी रहती है। इसके लिए प्रशिक्षण के साथ योग अभ्यास भी काम आता है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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