सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से कोरोना की तीसरी लहर में भी परेशानी में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए खाद्य सुरक्षा व अन्य कल्याणकारी कदम सुनिश्चित करने की याचिका पर जल्द ही सुनवाई कर सकता है। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमण ने वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण को कहा, मैं देखता हूं।
दरअसल, सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर, अंजलि भारद्वाज और जगदीप छोकर की याचिका पर भूषण ने तत्काल सुनवाई की मांग की थी। भूषण ने दलील दी थी कि यह प्रवासी श्रमिकों के लिए भोजन का विषय है। सूखे राशन की आपूर्ति और सामुदायिक रसोई से संबंधित स्वत: संज्ञान लेते हुए दाखिल की गई याचिका पर इस अदालत ने निर्देश जारी किए थे।