गणतंत्र दिवस से पूर्व देश के तीन राज्यों दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पंजाब में मिले विस्फोटक को आतंकियों की करतूत माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि सीमापार बैठे आतंकी संगठन देश में गड़बड़ी पैदा करने की नियत से बड़े हमले की फिराक में है। शुक्रवार को गाजीपुर मंडी से मिले आईईडी में आरडीएक्स होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि इसको जांच के लिए सीएफएसएल भेजा गया है। उसके बाद ही साफ हो पाएगा कि विस्फोटक आरडीएक्स था या अमोनियम नाइट्रेट। माना जा रहा है कि सीमापार बैठे आतंकियों ने अपने स्लीपर सेल की मदद से राजधानी को दहलाने का प्रयास किया। इसी कड़ी में जांच करते पुलिस को गाजीपुर मंडी में आए कुछ संदिग्ध लड़कों की तलाश है। इनकी तलाश में स्पेशल सेल की टीम दिल्ली, यूपी और हरियाणा में छापेमारी कर रही हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मामले की जांच करते हुए स्पेशल सेल की टीम को पांच-छह लड़कों के दो समूह मंडी में संदिग्ध हालात में दिखाई दिए।
इनकी पहचान सीसीटीवी कैमरों से की गई। इस बात की पुष्टि करने का प्रयास किया जा रहा है कि लड़कों के यह समूह रोजाना अपने काम से तो मंडी नहीं आते। इसकी पुष्टि करने के लिए मंडी के कर्मचारियों व आढ़तियों से भी मदद ली जा रही है।
पुलिस ने मंडी के अंदर लगे कई कैमरों की डीवीआर कब्जे में लेकर उनको खंगाला है। अधिकारियों का कहना है कि यह साफ नहीं है कि इन लोगों का विस्फोटक रखने में कोई हाथ है या नहीं, लेकिन घटना से जोड़कर इसको देखा जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि इन लोगों को इस घटना में हाथ हो सकता है। इसलिए उनकी तलाश की जा रही है। दूसरी ओर चूंकि गाजीपुर मंडी का एरिया बिल्कुल दिल्ली-यूपी की सीमा से सटा हुआ है। इसलिए यूपी और दिल्ली पुलिस दोनों से मामले की जांच के लिए मदद ली जा रही है।
यूपी व दिल्ली के लोकल थाना पुलिस से उनके इलाके के लोकल बदमाशों की सूची भी तैयार कर मांगी गई है। इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि आईईडी रखने के लिए किसी लोकल बदमाश का सहयोग लिया गया हो।
शनिवार को स्पेशल सेल की टीम ने पूरे इलाके का एक मैप भी तैयार करवाया। उसकी मदद से आने-जाने वाले रास्तों का पता किया गया। खासकर उन रास्तों को देखा गया जहां से पहुंचकर मंडी के गेट पर आईईडी को रखा जा सकता था।
पांच किलोमीटर के एरिया में 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरें खंगाले
स्पेशल सेल की टीम शुक्रवार से ही गाजीपुर मंडी के आसपास इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाले में जुटी हुई है। पुलिस ने पांच किलोमीटर के दायरे में लगे करीब 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल की।
फुटेज से इस बात का पता करने का प्रयास किया गया कि जिस बैग में विस्फोटक था, उस बैग को लेकर कहीं कोई आता हुआ तो नहीं दिख रहा। इसी कड़ी की पड़ताल करते हुए पुलिस ने गाजीपुर मंडी के आसपास लगे मोबाइल टॉवरों का डंप डाटा भी देखा। उसमें से कुछ नंबरों को ट्रेस कर उनसे पड़ताल की जा रही है।