शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार के सेवन की सलाह दी जाती है। आहार में प्रोटीन का होना बहुत आवश्यक माना जाता है, यह मांसपेशियों को स्वस्थ रखने और उनके निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रोटीन को पोषण का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है, बल्कि यह भी कहा जाता है कि वजन सन्तुलित रखने और शरीर को फिट रहने के लिए डाइट में अधिक से अधिक प्रोटीन और कम से कम कार्बोहाइड्रेट शामिल करना चाहिए। पिछले कुछ वर्षों से ये एक शोध का विषय रहा है कि बिना सोचे-समझे अधिक मात्रा में प्रोटीन लेने की आदत लोगों को फायदे की जगह नुकसान तो नहीं पहुंचा रही है? खासकर किडनी व अन्य अंगों की सेहत को?
किडनी शरीर का वह महत्वपूर्ण अंग है जो सारी गंदगी को फिल्टर करके बाहर निकाल देता है। यानी एक तरह से यह शरीर के भीतर का हाउसकीपर है। फिल्ट्रेशन का यह काम दो किडनियां मिलकर करती हैं और इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि शरीर में प्रोटीन की अधिकता इस अंग को नुकसान पहुंचा सकती है। आइए इस बारे में आगे की स्लाइडों में विस्तार से जानते हैं।
प्रोटीन एमिनो एसिड्स की एक लम्बी चेन होती है, यानी इसमें एक से ज्यादा एमिनो एसिड्स होते हैं और अलग अलग प्रोटीन के साधनों से, शरीर को ये एमिनो एसिड्स मिलते हैं। तमाम तरह के खाद्य पदार्थ प्रोटीन की शरीर को पूर्ति करते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि एनिमल प्रोटीन यानी मांसाहार, प्लांट प्रोटीन से इस मामले में बेहतर होते हैं क्योंकि उनसे एक बार में ही सभी जरूरी एमिनो एसिड्स प्राप्त हो जाते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि शाकाहार आपकी प्रोटीन की जरूरत को पूरा नहीं कर सकता। इसके लिए जरूरत होती है सही मात्रा में अलग अलग तरह के प्रोटीन स्रोत को डाइट में शामिल करने की। जैसे दूध के साथ, सब्जियां, दालें, फल, ड्रायफ्रूट्स आदि।
प्रोटीन शरीर को मजबूती देने और उसे सही तरीके से काम करने में मदद करते हैं। ये हड्डियों को ताकतवर बनाते हैं और शरीर को दिनभर ऊर्जावान बनाए रखते हैं। सामान्यतः एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन शरीर के हर किलो वजन के लिए 0.8 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। मतलब 65 किलोग्राम के एक व्यक्ति को करीब 52 ग्राम प्रोटीन प्रतिदिन चाहिए होता है। इतना प्रोटीन सामान्यतौर पर एक संतुलित और सही भोजन से प्राप्त हो जाता है। इसके लिए जरूरी नहीं कि अलग से सप्लीमेंट्स लिए जाएं
सामान्य से अधिक प्रोटीन की मात्रा की जरूरत आमतौर पर एथलीट्स, फिजिकली ज्यादा काम करने वाले या स्पोर्ट्स से जुड़े लोगों को हो सकती है। इन लोगों को अपने शरीर की ऊर्जा बनाए रखने के लिए यह अतिरिक्त मात्रा काम आती है। लेकिन ये मात्रा पेशेवर विशेषज्ञों की सलाह पर ली जाती है। अगर आप अपनी मर्जी से प्रोटीन की अत्यधिक मात्रा लेने लगते हैं तो इससे शरीर को नुकसान पहुंच सकता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रोटीन के अधिक डोज से किडनियों पर अतिरिक्त काम करने का दबाव आ सकता है। लेकिन ज्यादातर ऐसा उन लोगों में होता है जिन्हें पहले से किडनी सम्बन्धी कोई समस्या होती है। जिस चीज से ज्यादा नुकसान हो सकता है वह हैं प्रोटीन के सप्लीमेंट्स या प्रोटीन ड्रिंक आदि का जरूरत से ज्यादा सेवन।
प्राकृतिक साधनों से मिलने वाली प्रोटीन की अधिक मात्रा भी नुकसान नहीं पहुंचाती लेकिन सप्लीमेंट्स की अधिकता मुश्किल खड़ी कर सकती है। इसके अलावा अधिक प्रोटीन के सेवन से मुंह के दुर्गंध, कब्ज या दस्त, डिहाइड्रेशन और गंभीर मामलों में किडनी डैमेज की समस्या हो सकती है। कुछ अध्ययनों में प्रोटीन की अधिकता के कारण कैंसर व ह्रदय रोग के खतरों के बारे में सचेत किया गया है।