भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच जोहानिसबर्ग में खेला जा रहा दूसरा टेस्ट रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका है। दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 122 रन चाहिए। 240 रन के लक्ष्य के जवाब में तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक दक्षिण अफ्रीका ने अपनी दूसरी पारी में दो विकेट पर 118 रन बना लिए हैं। दक्षिण अफ्रीका को यह मैच जीतने के लिए इतिहास रचना होगा। अफ्रीकी टीम इससे पहले कभी जोहानिसबर्ग के वांडरर्स में 220 रन के ऊपर का टारगेट चेज नहीं कर पाई है।
दक्षिण अफ्रीका को रचना होगा इतिहास
जोहानिसबर्ग के वांडरर्स में चौथी पारी में सबसे ज्यादा रन चेज करने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम है। उन्होंने 2011/12 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 310 रन सफलतापूर्वक हासिल किए थे। वहीं, 2005/06 में ऑस्ट्रेलिया ने ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 292 रनों का लक्ष्य हासिल किया था। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका का नंबर आता है। उन्होंने 2005/06 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 217 रन चेज किए थे। ऐसे में दक्षिण अफ्रीकी टीम वांडरर्स में इतिहास रचने उतरेगी।
सिर्फ एक बार 240 प्लस का स्कोर बना सके
ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें, तो दक्षिण अफ्रीका ने अपने घरेलू मैदानों पर सिर्फ एक बार टेस्ट में 240 रन या इससे ज्यादा का स्कोर चेज किया है। यह टेस्ट 2001/02 में डरबन में खेला गया था। तब दक्षिण अफ्रीका ने 335 रन का लक्ष्य हासिल किया था। जोहानिसबर्ग में 240 रन का लक्ष्य हासिल कर दक्षिण अफ्रीकी टीम इस लिस्ट में एक और स्कोर जोड़ना चाहेगी।
भारत को जीत के लिए आठ विकेट की जरूरत
वहीं, दूसरी तरफ भारत को जीत के लिए आठ विकेट की जरूरत है। पहली पारी में भी भारतीय टीम ने जबरदस्त वापसी की थी। ऐसे में चौथे दिन भारतीय पेस बैटरी दक्षिण अफ्रीकी टीम को जल्द समेटने की कोशिश करेगी। पहले घंटे में नए गेंद से भारतीय गेंदबाजों को फायदा हो सकता है। जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और शार्दुल ठाकुर को एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा। मोहम्मद सिराज पहली पारी में सौ फीसदी फिट नहीं दिखे।
भारतीय पेस बैटरी को अच्छी गेंदबाजी करनी होगी
टेस्ट में चौथी पारी में सिर्फ दो बार किसी टीम ने भारत के खिलाफ 240 या इससे ज्यादा का स्कोर चेज किया है। आखिरी बार ऐसा 1987/88 में हुआ था। तब वेस्टइंडीज ने दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में भारत के खिलाफ 276 रन चेज किया था और पांच विकेट से जीत हासिल की थी। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया ने 1977/78 में पर्थ में भारत के खिलाफ 339 रन का लक्ष्य हासिल किया था और दो विकेट से टेस्ट जीते थे।