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Monday, July 7, 2025

केंद्र-योगी सरकार हर परिवार को दे रही है सालाना 30 हजार रुपये तक की आर्थिक मदद, जानें कौन लोग होंगे इसके पात्र

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने ई-श्रमिक कार्ड योजना में रजिस्टर हर श्रमिक को 500 रुपये प्रति माह देना शुरू कर दिया है। यह राशि प्रति वर्ष 6000 रुपये होती है। यदि किसी परिवार में पति-पत्नी और 16 वर्ष की आयु से ऊपर का एक भी बच्चा इस योजना का लाभ उठाता है, तो प्रति परिवार यह लाभ 18 हजार रुपये वार्षिक हो जाता है। यूपी में ज्यादातर श्रमिक परिवार कृषक हैं, जिन्हें केंद्र सरकार से 6000 रुपये प्रति वर्ष की ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ का लाभ अतिरिक्त रूप से मिल रहा है। इस प्रकार केंद्र-राज्य सरकार के सहयोग से यूपी के हर गरीब परिवार को 24 हजार रुपये की नकद आर्थिक सहायता मिलने का रास्ता तैयार हो गया है। परिवार में ज्यादा बच्चों के वयस्क होने पर यह राशि 30 हजार रुपये या इससे अधिक भी हो सकती है।

चूंकि, केंद्र-राज्य सरकार ने सभी गरीब परिवारों को मुफ्त राशन देने की योजना भी चालू कर रखी है, इस तरह यह योजना भोजन की सुविधा के अतिरिक्त समझी जा सकती है। आर्थिक विशेषज्ञ इसे गरीब परिवारों के आर्थिक सशक्तीकरण की राह में ‘मील का पत्थर’ बता रहे हैं। जिस तरह भारी संख्या में लोग इस योजना में रजिस्टर कराने के लिए सामने आ रहे हैं, अनुमान है कि केंद्र-यूपी सरकार को इसका चुनावी लाभ भी मिल सकता है।

15.50 करोड़ लोगों ने किया रजिस्टर

सौ दिन का पक्का रोजगार देने वाली मनरेगा योजना मनमोहन सिंह सरकार की बड़ी सफलता मानी गई थी। कहा गया था कि अकेले इस योजना ने मनमोहन सिंह सरकार को 2009 में दोबारा सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाई थी। अपने घर के आसपास के क्षेत्र में सौ दिन का गारंटीड रोजगार पाने वाले श्रमिकों ने सरकार का खूब समर्थन किया और उसने ही यूपीए का फिर से सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त किया। उसी तरह ई-श्रमिक कार्ड योजना भी बेहद सफल साबित हो रही है।

अब तक पूरे देश में लगभग 15.50 करोड़ श्रमिकों ने इस योजना के अंतर्गत अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। अकेले उत्तर प्रदेश में ही लगभग 4.5 करोड़ श्रमिक ई-श्रमिक कार्ड योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। माना जा रहा है कि यह योजना भी मनरेगा की तरह केंद्र सरकार के लिए सफलता के नए द्वार खोल सकती है और 2024 के लोकसभा चुनावों पर इसका असर पड़ सकता है। तात्कालिक रूप से यूपी चुनाव में योगी आदित्यनाथ सरकार को इसका लाभ मिल सकता है।

आर्थिक सशक्तीकरण का रास्ता होगा तैयार

आर्थिक मामलों के जानकार और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि ई-श्रम कार्ड योजना से हर गरीब श्रमिक के आर्थिक सशक्तीकरण की योजना तैयार की गई है। यह पैसा इन गरीबों के हाथ में पहुंचेगा तो वे अपने लिए बाजार से आवश्यक वस्तुओं की खरीद करेंगे। इससे बाजार में आवश्यक वस्तुओं की मांग भी बढ़ेगी जो अंततः बाजार को गति देने में बेहद सफल साबित होगी।

इस योजना का दीर्घकालिक असर होगा। यह विभिन्न माध्यमों से किसान-गरीब श्रमिक परिवारों को आर्थिक ताकत देने का काम करेगी। इस योजना में सबसे ज्यादा लाभ महिलाएं उठा रही हैं। माना जा रहा है कि परिवार के पुरुष किसी संगठित क्षेत्र में काम कर रहे होंगे (जो इस योजना का लाभ नहीं ले सकते), और इसलिए महिलाएं इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ उठा रही हैं। लेकिन इस तरह महिला सशक्तीकरण के साथ-साथ परिवार की आर्थिक मजबूती की राह तैयार हो रही है।

क्या है ई-श्रमिक कार्ड योजना

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने 26 अगस्त 2021 को ई-श्रमिक कार्ड योजना शुरू की थी। ई-श्रमिक कार्ड योजना में 16 वर्ष से 59 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी वयस्क ई-श्रम की वेबसाइट (eshram.gov.in) पर ऑनलाइन माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर सकता है। ऑनलाइन माध्यम से अपरिचित श्रमिक स्थानीय जनसुविधा केंद्रों पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। केवल आधार कार्ड, राशन कार्ड, बिजली बिल या लाभार्थी के नाम से रजिस्टर चालू मोबाइल नंबर के जरिए होने वाला यह रजिस्ट्रेशन पूरी तरह निःशुल्क है। लाभार्थी को संगठित क्षेत्र का कर्मचारी, डायरेक्ट टैक्स दाता या पीएफ योजना का लाभार्थी नहीं होना चाहिए। किसी सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 14434 पर फोन किया जा सकता है। योजना की कोई अंतिम तिथि घोषित नहीं की गई है।

असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को ई-श्रमिक कार्ड योजना में रजिस्टर कराने के पीछे असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या और उनकी स्थिति जानना प्रमुख लक्ष्य बताया गया है। लेकिन इसके अलावा इस कार्ड के माध्यम से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को नकद आर्थिक मदद देना, दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर देना, उनके मनपसंद के क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराना शामिल है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए समय-समय पर इस योजना के माध्यम से विभिन्न तरीकों से मदद दी जाएगी। आने वाले समय में केंद्र-राज्य सरकार की ओर से आने वाली लाभकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाएगा।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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