समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल ने आज सुबह 10:13 मिनट पर एक सूचना जारी की। बताया कि दोपहर 12:30 बजे कन्नौज में सपा मुखिया अखिलेश यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इस कॉन्फ्रेंस में समाजवादी इत्र लॉन्च करने वाले सपा एमएलसी पुष्पराज जैन ऊर्फ पम्पी भी शामिल होने वाले थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस की सूचना जारी होने से कुछ घंटे पहले ही आयकर की टीम ने पुष्पराज जैन के घर छापेमारी शुरू कर दी थी। मीडिया में इसकी जानकारी सुबह आठ बजे आई।
खैर, तय समय से डेढ़ घंटे बाद यानी दो बजे अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू की। कॉन्फ्रेंस वाली जगह पर एक बड़ी सी होर्डिंग लगी हुई थी। इसमें अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव, प्रो. रामगोपाल यादव, आजम खान और नरेश उत्तम की फोटो थी। इस पर बड़ा सा ‘प्रेस कॉन्फ्रेंस’ लिखा हुआ था और उसके ठीक नीचे ‘इत्र नगरी कन्नौज 31 दिसंबर 2021′ लिखा हुआ था। होर्डिंग में इत्र की कई तस्वीरें भी थीं।
अब आप सोच रहे होंगे कि हम इसे आपको क्यों बता रहे हैं? दरअसल ये पहली बार था, जब अखिलेश ने कन्नौज में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए इस तरह की होर्डिंग लगवाई थी। अब जान लीजिए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का मकसद क्या था और इसके जरिए अखिलेश ने कौन सी सियासी चाल चली है?
अखिलेश ने कहा क्या?
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज में जनसभा को संबोधित किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने सपा एमएलसी पम्मी जैन और इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां छापेमारी को लेकर भाजपा को आड़े हाथों लिया। 22 मिनट की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने 18 बार इत्र और परफ्यूम का जिक्र किया। बोले कि यह तो बहुत पहले से तय था कि समाजवादी पार्टी के नेताओं के यहां छापेमारी होगी।
अखिलेश ने कहा,जब भी भाजपा का यूपी में कार्यक्रम होता है तो इनके नेता दिल्ली से आयकर और अन्य विभागों साथ लेकर आते हैं और यहां विरोधियों के यहां छापेमारी करवाते हैं। कन्नौज क्षेत्र समाजवादियों से जुड़ा है। यहां का इतिहास भाई-चारे और सौहार्द का रहा है। यहां इत्र का कारोबार कोई आज से नहीं शुरू हुआ, बल्कि बहुत पहले से रहा है। इस इत्र कारोबार से न केवल यहां के व्यापारी जुड़े हैं, बल्कि बहुत से किसान जुड़े हुए हैं। देश के कई अन्य कारोबार भी इससे जुड़े हुए हैं। कन्नौज की पहचान इत्र से रही है। जैसे फ्रांस की इत्र राजधानी ग्रासे है, ठीक उसी तरह कन्नौज हमारे देश के लिए इत्र की राजधानी है। सुगंध की राजधानी है।’
अखिलेश ने आगे कहा,ये बहुत बड़ा कारोबार है। बड़े लोगों को रोजगार और नौकरी देता है। यही कारण था कि समाजवादी पार्टी ने यहां परफ्यूमरी पार्क का प्रस्ताव पास किया था। इसके लिए बजट और जमीन दे दी गई थी। कोशिश थी कि ये पार्क बन जाए। उसका फायदा यहां फूलों की खेती करने वाले किसानों को मिलता। लेकिन भाजपा की सरकार आने के बाद ये सब ठप पड़ गया। अब चुनाव नजदीक है तो कैबिनेट में इसे पास करवाकर फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। यहां के इंजीनियरिंग कॉलेज में परफ्यूमरी कोर्स भी शुरू करने वाले थे। बच्चे यहां से इत्र के बारे में पढ़कर शोध करते और दुनियाभर में कन्नौज का डंका बजता’
उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने मेडिकल कॉलेज का सत्यानाश कर दिया, ऑक्सीजन प्लांट नहीं लगा। कार्डियोलॉजी समेत कई विभाग बंद कर दिए गए। फॉरेंसिक लैब और मंडिया बननी थीं, वो भी नहीं बन पाई। पहले दिन से यहां के लोग देख रहे हैं कि कन्नौज के साथ किस तरह से व्यवहार हुआ है। कन्नौज के साथ जो राजनीतिक व्यवहार हुआ वो आपके सामने रखा। नफरती दुर्गंध फैलाने वाले भाजपा के नेता सौहार्द की सुगंध कैसे पसंद कर सकते हैं? इसलिए जानबूझकर ये लोग समाजवादी पार्टी को बदनाम कर रहे। दुख इस बात का है कि कन्नौज जिसकी पहचान इत्र नगरी के रूप में पूरी दुनिया में उसको भी बदनाम करने में तुले हैं।
राजनीतिक विश्लेषक प्रो.एमपी सिंह का कहना है,जिस तरह से अखिलेश के करीबियों के यहां आयकर की छापेमारी चल रही है, उससे समाजवादी पार्टी खासतौर पर अखिलेश यादव परेशान हैं। भले ही वह जनता के बीच सामान्य दिखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हकीकत यही है कि चुनाव से ठीक पहले इस छापेमारी से उनका सारा हिसाब-किताब बिगड़ गया है। चुनाव कोई भी हो, बिना पैसों के नहीं लड़ा जा सकता है। अब इस तरह की छापेमारी से राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है, खासतौर पर समाजवादी खेमे में।’
प्रो. सिंह बताते हैं,जिस तरह से पीयूष जैन के यहां करोड़ों रुपये मिले और खबर में आया कि वह समाजवादी पार्टी से जुड़ा है। उससे पार्टी की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है। अखिलेश ने उसी नुकसान की भरपाई के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने दो बातें कहने की कोशिश की। पहली यह कि भाजपा कन्नौज और इत्र कारोबार को बदनाम कर रही है और दूसरी यह कि जिस पीयूष जैन के यहां से करोड़ो रुपये मिले वह सपा का नहीं बल्कि भाजपा नेताओं का करीबी है।’
क्या इससे समाजवादी पार्टी को फायदा मिलेगा?
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अशोक श्रीवास्तव कहते हैं,कन्नौज में इत्र कारोबार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 1.10 लाख लोग जुड़े हैं। अखिलेश ने अपने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इन्हीं वोटर्स पर निशाना साधा है।’
काऊ प्लांट के जरिए भी अखिलेश ने बड़ी सियासी चाल चली है। कन्नौज और आस-पास के जिलों में करीब आठ लाख से ज्यादा लोग दूध कारोबार से जुड़े हुए हैं। अखिलेश ने काऊ प्लांट का नाम लेकर इन वोटर्स को भी साधने की कोशिश की है।