भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करें कि हर स्कूल व कॉलेज में एक पुस्तकालय और खेल के मैदान की व्यवस्था हों। ताकि छात्रों का अच्छे से विकास हो सके। हैदराबाद पुस्तक मेला में पहुंचे सीजेआई रमना ने कहा कि पुस्तक पढ़ना एक अच्छी आदत है जिससे दिमाग विकसित होता है। वहीं खेलने से बच्चों में खेल के प्रति रूचि भी बढ़ती है। जहां कहीं भी स्कूल या कॉलेज खुल रहे हैं तो उसमें पुस्तकालय जरूर होना चाहिए, लेकिन इस नियम का कोई भी पालन नहीं कर रहा है।
ठीक यहीं स्थिति खेल के मैदान को लेकर भी है। यह एक गंभीर मुद्दा है। सरकार को इस मुद्दे में शामिल होकर समाधान पर जोर देना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार की जिम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा कि सरकार को गांव में भी पुस्तकालय की व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए और उनके लिए अनुदान की भी व्यवस्था हो।
सीजेआई रमना ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी जब जेलों में बंद थे तो उन्होंने बहुत सारी किताबें पढ़ीं और लिखीं भी। पढ़ाई के कारण ही दुनिया भर के साहित्यकारों व लेखकों ने संघर्ष करके महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उन्होंने कहा कि मैं खुद मैक्सिम गोर्की का उपन्यास मदर कई बार पढ़ चुका हूं और बिना प्रभावित हुए नहीं रह सका।