डिजिटल दौर में रेलवे के अस्पताल भी आधुनिक जामा पहन रहे हैं। रेलवे ने अपने सभी अस्पतालों को हेल्थ मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) से लैस कर दिया है। रेल कर्मियों को अब एप के माध्यम से ही अस्पतालों से जुड़ी सुविधाएं मिल सकेंगी। एंबुलेंस की बुकिंग हो या ओपीडी का नंबर, बिना लाइन में लगे हो सकेंगे। यही नहीं, अस्पताल में अनुपलब्ध दवा को घर पर ऑनलाइन मंगाया जा सकेगा।
रेलवे के सभी 695 अस्पतालों व स्वास्थ्य इकाइयों को एचएमआईएस से जोड़ने का काम रेलटेल ने पूरा किया है। यह वेब-आधारित मल्टी-मॉड्यूल सुविधा है। इसने अस्पताल प्रशासन और मरीजों को करीब ला दिया है। इसके तहत एक एप विकसित किया गया है, जिसे प्ले स्टोर से डाउनलोड कर ओपीडी पंजीकरण भी कराया जा सकता है। नए साल के तोहफे के रूप में इस पर एंबुलेंस बुकिंग की भी सुविधा होगी।
रोगी अपने सभी मेडिकल रिकॉर्ड अपने मोबाइल पर ही देख सकेंगे। प्रयोगशाला परीक्षण परिणामों की मैन्युअल डाटा एंट्री की जरूरत नहीं होगी। यह प्लेटफॉर्म कर्मचारियों की यूनीक मेडिकल आईडेंटिटी से जुड़ा है। इसके लिए भारतीय रेलों ने नियमित कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और परिवार के सदस्यों को लगभग 42 लाख यूनीक मेडिकल आईडेंटिटी कार्ड जारी किए हैं।
एकीकृत हो सकेंगी सभी चिकित्सा सेवाएं
इस तकनीक से सभी चिकित्सा उपकरण, चिकित्सा प्रक्रियाएं और विभिन्न आईटी प्रणालियां समेकित रूप से एकीकृत हो जाएंगी। सभी रोगियों का इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड बन जाएगा। अस्पताल में अनुपलब्ध दवाओं को स्थानीय खरीद से ऑनलाइन मंगाया जा सकता है। इन-पेशेंट डिपार्टमेंट मॉड्यूल के तहत रोगियों को न केवल भर्ती किया और छुट्टी दी जा सकती है, बल्कि दवाओं, प्रक्रियाओं आदि की पूरी क्लिनिकल प्रक्रियाओं को ऑनलाइन डिस्चार्ज भी किया जा सकेेगा।