बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के मुखिया जीतन राम मांझी के ब्राह्मणों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान की चारों तरफ निंदा जारी है। भाजपा और हम के नेता खुलकर आमने-सामने आ चुके हैं। सोमवार को जीतन राम मांझी ने ब्राह्मण-दलित एकता भोज का आयोजन किया। इस दौरान जीतन राम मांझी ने बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को इशारों ही इशारों में निशाना साधा। जीतन राम मांझी ने सरकार से समर्थन वापस लेने तक की धमकी दे डाली।
दरअसल, भाजपा के नेता और बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार बबलू से जब सोमवार को पत्रकारों ने मांझी के ब्राह्मणों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान को लेकर प्रश्न किया तो उन्होंने इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि मांझी वरिष्ठ नेता हैं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें मुख्यमंत्री जैसे पद पर बैठाया। इतने सम्मानित जगह तक वे पहुंचे। ऐसी स्थिति इस तरह का बयान देना कहीं से उचित नहीं है।
हम’ के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने मंत्री के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि नीरज बबलू कौन होते हैं मांझी जी को सलाह देने वाले? दानिश रिजवान यही तक नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि हम अपनी पार्टी के चार विधायक को हटा लें तो राजग की जमीन खिसक जाएगाी। अभी मंत्री बने बैठे हैं सब सड़क पर राम नाम जपने लगेंगे। रिजवान ने कहा कि नीरज बबलू को कुछ बोलने से पहले उम्र का ख्याल रखना चहिए कि वह किसके बारे में क्या बोल रहे हैं?
जदयू नेता और मंत्री उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि उनपर उम्र का असर हो गया है। इस वजह से वे ऐसे बयान दे रहे हैं उनका बेटा मंत्री है, इसलिए अपने बेटे के भविष्य के लिए उन्हें घर बैठ जाना चाहिए। राजनीति छोड़कर राम-राम जपना चाहिए। मांझी ने आगे कहा कि जो ब्रह्म को जानते हैं, वही असली ब्राह्मण है। इसके बाद उन्होंने सोमवार को उन ब्राह्मणों को भोज पर आमंत्रित किया है, जिन्होंने कभी मांस-मछली और मदिरा का सेवन नहीं किया हो।