बॉलीवुड अदाकारा जूही चावला ने 5जी के रोलआउट के खिलाफ याचिका खारिज करने को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 25 जनवरी 22 तय करते हुए कहा जल्द सुनवाई का कोई आधार नहीं है। जूही चावला और कुछ अन्य लोगों ने 5जी रोलआउट के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने जूही चावला की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा सिंगल जज का आदेश जून माह का है। आप अभी आए हैं और छह महीने बीत चुके हैं। जूही चावला के वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि वर्तमान मामला ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है और उन्होंने जल्द सुनवाई का आग्रह किया। पीठ ने आग्रह को खारिज कर दिया।
इससे पहले न्यायमूर्ति जेआर मिडढा ने याचिका को प्रचार पाने, दोषपूर्ण और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करार देते हुए खारिज कर दिया था। अदालत ने उन पर 20 लाख का जुर्माना भी लगाया था।
जूही चावला व अन्य ने इस फैसले को खंडपीठ के समक्ष चुनौती देते हुए तर्क दिया कि एकल न्यायाधीश ने याचिका को खारिज कर दिया। उन्होंने बिना किसी अधिकार क्षेत्र के और तय कानून के विपरीत जुर्माना लगाया। किसी याचिका को पंजीकृत होने की अनुमति मिलने के बाद ही खारिज किया जा सकता है।
उन्होंने 5जी के खिलाफ उन बिंदुओं को दोहराया जो उन्होंने पहले कहे थे। हर दिन जब 5जी परीक्षणों को जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो उन लोगों के स्वास्थ्य के लिए एक विशिष्ट खतरा होता है जो उस क्षेत्र के आसपास रहते हैं जहां परीक्षण किया जा रहा है।
याचिका मई में पेश की गई थी। जूही चावला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अदालत की कार्यवाही में शामिल हुईं। याचिका खारिज होने के बाद जूही चावला ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि वह 5जी तकनीक के खिलाफ नहीं हैं। याचिका केवल 5जी पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगने के लिए थी कि तकनीक सुरक्षित है।