ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) में अब तक केवल व्हाइट कैटेगरी के 156 उद्योगों को ही लगाने की अनुमति थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में ग्रीन कैटेगरी के ऐसे उद्योगों को लगाने का रास्ता साफ कर दिया, जिसमें वायु प्रदूषण स्कोर कम है।
11 से 20 तक के वायु प्रदूषण स्कोर वाले उद्योगों को व्यक्तिगत नहीं, बल्कि नेशनल एनवायरमेंट एंड इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) की सेक्टरवार गाइडलाइन का पालन करना होगा, वहीं 20 से ज्यादा प्रदूषण स्कोर वाले उद्योगों के लिए नीरी से सहमति/स्वीकृति लानी होगी।
15 से ज्यादा तरह के उद्योग लग सकेंगे
ताज ट्रिपेजियम जोन में इस आदेश के बाद 15 से ज्यादा तरह के उद्योगों को लगाया जा सकेगा, जिनमें गैस जेनसेट उत्पादन, आयुर्वेदिक दवाओं, सेरेमिक्स, टूथ पावडर, टूथपेस्ट, बेकरी-कन्फेक्शनरी, प्लाईवुड उत्पादन, रोलिंग मिल आदि शामिल है।
केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिन उद्योगों के लिए वायु प्रदूषण स्कोर 20 से कम तय किया है, उनकी स्थापना का रास्ता साफ हो गया। आगरा के औद्योगिक जगत में इस आदेश के बाद खुशी की लहर दौड़ गई।
प्रदूषण स्कोर आधारित कैटेगरी
स्कोर कैटेगरी उद्योग
60 से ज्यादा रेड 60
41-59 तक ऑरेंज 83
21-40 तक ग्रीन 28
0 से 20 तक व्हाइट 156
उद्योग स्कोर
गैस जेनसेट 10
बेकरी कन्फेशनरी 10
फूड प्रोसेसिंग 10
टूथपेस्ट, पावडर 10
प्लाईवुड निर्माण 10
रोलिंग मिल 10
सेरेमिक्स उत्पादन 10
डेयरी उत्पाद 10
आयुर्वेदिक दवाएं 10
आइसक्रीम उत्पाद 10
सोडियम सिलिकेट 10
फर्नेस, कास्टिंग 15
पेंट ब्लेंडिंग 15
सिंथेटिक डिटरजेंट 15
गाइडलाइन का पालन किया जाएगा
टीटीजेड अथॉरिटी के सदस्य उमेश शर्मा ने बताया कि वायु प्रदूषण के स्कोर पर आधारित इस आदेश से उद्योगों के लगने का रास्ता साफ हो गया है। स्वच्छ ईंधन समेत नीरी की सिफारिशें और गाइडलाइन का पालन करते हुए उद्योग लग पाएंगे। वायु प्रदूषण का स्कोर पहले ही बोर्ड जारी कर चुका है।
सॉलिसिटर जनरल से पैरवी कराई
केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि टीटीजेड के औद्योगिक विकास के इस मामले में हमने सॉलिसिटर जनरल के जरिए पैरवी कराई। अधिकारियों को भी इस केस से जुड़े सभी तथ्यों को रखने के लिए भेजा। माननीय न्यायालय के आदेश के बाद सेक्टर वार उद्योगों को लगाने का रास्ता साफ हुआ है।
वैज्ञानिक ढंग से व्यवस्था जरूरी
उप्र लघु उद्योग निगम के उपाध्यक्ष राकेश गर्ग ने कहा कि आगरा के औद्योगिक विकास के लिए इस तरह वैज्ञानिक ढंग से व्यवस्था जरूरी थी। माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रुकावटें हट जानी चाहिए। एकदम स्पष्ट आदेश दिया गया है। सेक्टर के लिए तय गाइडलाइन का पालन करते हुए इकाईयां लग सकेंगी।
आदेश के मुताबिक कार्रवाई होगी
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रभारी क्षेत्रीय अधिकारी विश्वनाथ शर्मा ने कहा कि व्हाइट कैटेगरी के उद्योगों के अलावा अब ऐसे उद्योग भी लग पाएंगे, जिनका वायु प्रदूषण स्कोर 20 से कम है। इससे ज्यादा स्कोर पर नीरी से स्वीकृति लेनी होगी। माननीय न्यायालय के आदेश के मुताबिक आवेदनों पर कार्रवाई की जाएगी।