यूएई में 10 साल की सजा काट रहे शिहानी मीरा साहिब जमाल मोहम्मद की मां को अपने बेटे से मिलने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। सोमवार को केरल हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने जवाब दिया कि उन्होंने हर संभव प्रयास किया, लेकिन जमाल मोहम्मद की सजा कम नहीं हो पाई। इसलिए उसकी मां शाहुबनाथ बीवी को अपने बेटे से मिलने के लिए 2025 तक इंतजार करना होगा। दरअसल, जमाल मोहम्मद को 2015 में भारत के लिए जासूसी करने के आरोप में दस साल की सजा सुनाई गई थी। तब से वह युएई की ही जेल में बंद है। केंद्र सरकार ने कहा कि 2025 में उसकी सजा पूरी हो जाएगी, जिसके बाद उसे भारत भेज दिया जाएगा।
केंद्र ने कहा कि यूएई में भारतीय दूतावास ने जमाल मोहम्मद को बचाने के लिए वह सबकुछ किया जो किया जा सकता था। उसकी सजा कम कराने का भी प्रयास किया गया, लेकिन संयुक्त अरब अमीरात ने इस मसले को राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बता कर ऐसा करने से इंकार कर दिया।
बेटे को संयुक्त अरब अमीरात में कानूनी मदद दिलाने व भारत सरकार से मदद की आस के चलते मांग की ओर से एक याचिका दायर की गई थी। इसी मामले में केरल हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी। मां शाहुबनाथ बीवी ने कहा कि यूएई में उसके बेटे को गंभीर यातनाओं से गुजरना पड़ रहा है और भारत सरकार की ओर से उसे किसी भी प्रकार की मदद नहीं की जा रही है। आरोप का खंडन करते हुए केंद्र ने कहा है कि जब दूतावास को 2015 में उसके बेटे की गिरफ्तारी के बारे में पता चला था तो उसने सितंबर 2015 में ही संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्रालय से संपर्क किया था और हर संभव मदद प्रयास भी किया था। मां शहुबनाथ बीवी का कहना है कि उनका बेटा यूएई में भारतीय दूतावास के अधिकारियों के लिए काम करता था।