केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने रविवार को कहा कि देश की क्षेत्रीय भाषाओं को मजबूत किए जाने की जरूरत है। जब क्षेत्रीय भाषाएं मजबूत होंगी तब हिंदी स्वयं ही मजबूत हो जाएगी। इसके लिए कोई अतिरिक्त प्रयास किए जाने की आवश्यकता नहीं है। मंत्री ने कहा कि हर संस्कृति में कुछ ऐसे विशेष कार्य, भाव और परंपराएं होती हैं, जिसे किसी दूसरी संस्कृति में नहीं पाया जाता। ऐसे शब्दों का अनुवाद कभी संभव नहीं होता, इसलिए सभी क्षेत्रीय भाषाओं का संरक्षण किए जाने की जरूरत है जिससे वे विशेष शब्द अपनी मूल भाव में लोगों के सामने उपस्थित रहे।