संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर बैठक जारी है। बैठक में 40 से ज्यादा किसान संगठन शामिल हुए हैं। बैठक में कई बड़े मुद्दों पर फैसला लिए जा सकते हैं। किसान नेताओं ने कहा है कि बैठक में MSP, जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा, किसानों के ख़िलाफ़ दर्ज़ मुकदमे और उनकी अगली कार्ययोजना पर चर्चा होगी। इस बैठक पर विभिन्न वर्गों के साथ-साथ केंद्र सरकार की भी नजर है।
इससे पहले गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि मैं लखनऊ जा रहा हूं, 22 तारीख को लखनऊ में महापंचायत है। कृषि क़ानून वापस हुए है। हमारे सारे मुद्दों में से केवल एक मुद्दा कम हुआ है, बचे हुए मुद्दे अभी बाकी है। किसानों पर दर्ज़ मुकदमें और जिन किसानों की मृत्यु हुई ये मुद्दे महत्वपूर्ण हैं।
आंदोलन खत्म होने के फैलाए जा रहे भ्रम में न फंसें किसान : राकेश टिकैत
इससे पहले, शनिवार को तीन कृषि कानूनों पर रार खत्म होने के बाद अब किसान नेता राकेश टिकैत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी कानून, बिजली अमेंडमेंट बिल और अन्य मामलों पर डट गए हैं। उन्होंने 22 को लखनऊ में होने वाली पंचायत के असमंजस को भी खत्म कर दिया। किसानों से आह्वान किया कि कोई भी सरकार के भम्र में न रहे क्योंकि किसान आंदोलन खत्म करने को लेकर तेजी से भम्र फैलाया जा रहा है।
29 नवंबर को संसद तक ट्रैक्टर मार्च
एक किसान नेता ने बताया कि दिल्ली बॉर्डर से अभी किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा। हमारे पहले से जो कार्यक्रम तय थे, वे अब तय तारीख पर आयोजित होंगे। हम 22 नवंबर को लखनऊ में किसानों की बड़ी रैली होनी है। जबकि 26 नवंबर को किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने पर देशभर में रैली निकालेंगे। इसके साथ ही 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान प्रतिदिन 500 प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर ट्रॉलियों में सवार होकर संसद तक शांतिपूर्ण मार्च करेंगे।
मुआवजा और किसानों की याद में स्मारक बने
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक किसान आंदोलन में अब तक 670 से अधिक किसान जान गंवा चुके हैं। सरकार की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि देना तो दूर उनके बलिदान को भी नहीं स्वीकार किया गया। आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा देने, आश्रितों को रोजगार देने सहित उन किसानों के नाम पर एक स्मारक बनवाने की मांग की है।
किसानों पर दर्ज झूठे मामले बगैर शर्त हो वापस
हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, चंडीगढ़, मध्यप्रदेश सहित दूसरे राज्यों में हजारों किसानों को झूठे मामलों में फंसाया गया है। मोर्चा ने उनपर दर्ज मामले रदद् करने की मांग की है। परिवारों को मुआवजे और रोजगार के अवसरों के साथ समर्थन दिया जाना है। शहीदों को भी संसद सत्र में श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए और उनके नाम पर एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, चंडीगढ़, मध्यप्रदेश आदि विभिन्न राज्यों में हजारों किसानों के खिलाफ सैकड़ों झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं। सभी मामले बगैर शर्त वापस लेने की भी किसानों ने मांग की है।