शहर के हैदरपोरा इलाके में सोमवार को हुई मुठभेड़ में घायल आतंकियों के एक और मददगार ने दम तोड़ दिया। इस मुठभेड़ में पाकिस्तानी आतंकी समेत दो दहशतगर्द तथा मकान मालिक समेत दो मददगार मारे गए। जांच के दौरान पता चला कि मकान में चल रहे कॉल सेंटर में आतंकियों का पनाहगाह चलाया जा रहा था। मारा गया पाकिस्तानी आतंकी रविवार को डाउनटाउन इलाके में सुरक्षा बलों पर हुए हमले में शामिल था।
आतंकियों के पास से दो पिस्तौल व अन्य सामान बरामद किया गया है। मामले की जांच के लिए डीआईजी की अध्यक्षता में विशेष जांच टीम का गठन किया गया है। विपक्षी पार्टियों ने घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने मंगलवार को बताया कि मकान मालिक को आतंकियों का पनाहगार माना जाएगा। दूसरा मददगार पेशे से ठेकेदार है, जो मकान के तीन कमरे किराये पर लेकर अवैध रूप से कॉल सेंटर चला रहा था। मारे गए पाकिस्तानी आतंकी की पहचान बिलाल भाई उर्फ हैदर के तौर पर हुई है। दूसरा आतंकी रामबन जिले के बनिहाल का गुल है, जिसके परिवार को पहचान के लिए बुलाया गया है। दोनों आतंकियों की डीएनए सैंपलिंग की गई है।
आईजी ने बताया कि सोमवार रात हैदरपोरा इलाके में नेशनल हाईवे के पास एक मकान में दो से तीन आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इमारत में संदिग्ध कॉल सेंटर की जांच करने के लिए सुरक्षा बल इमारत के मालिक अल्ताफ अहमद डार के साथ-साथ किरायेदार मुदासिर अहमद को साथ लेकर ऊपर की ओर बढ़े। जैसे ही तलाशी दल इमारत की ऊपरी मंजिल के एक कमरे की ओर बढ़ा, छिपे हुए आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस पर जवाबी कार्रवाई की गई।
हालांकि, शुरुआती गोलीबारी में तलाशी दल के साथ जा रहे दोनों व्यक्तियों को गोलियां लगीं और चोट के कारण उनकी मौत हो गई। बाद में कमरे में छिपे दोनों आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार दिया। बताते हैं कि मारे गए मुदासिर ने रविवार को डाउनटाउन में हमले के बाद पाकिस्तानी आतंकी को सुरक्षित अपनी कार से मौके से निकाला था।
प्रारंभिक जांच के अनुसार मकान मालिक और कॉल सेंटर संचालक को आतंकियों के छिपे होने की पूरी जानकारी थी। वे इस जानकारी को पुलिस से छिपाकर बाकायदा आतंकियों की मदद कर रहे थे। इसलिए उन्हें आतंकियों का मददगार माना जाएगा। आईजी के अनुसार कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका को देख शव को रात में ही हंदवाड़ा ले जाकर मंगलवार सुबह दफनाया गया।
आईजी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान मारा गया पाकिस्तानी आतंकी बिलाल भाई रविवार को पुलिस पार्टी पर डाउनटाउन में हुए आतंकी हमले में शामिल था। उस घटना को अंजाम देने के बाद मुदासिर ने बिलाल को अपनी गाड़ी में बिठाकर इस घर तक पहुंचाया था और उसे यहीं रखा था। मुदासिर बिज़नेस करता था लेकिन साथ में आतंकियों का मॉड्यूल भी चलाता था। वह दक्षिण और उत्तरी कश्मीर से लाकर आतंकियों को अपने घर में रखता था। वहीं से आतंकी ऑपरेट करते थे।
आईजी ने बताया कि मुदासिर अहमद ने ़अल्ताफ के घर की ऊपर वाली मंजिल पर अवैध रूप से चल रहे कॉल सेंटर में आतंकी ठिकाना बना रखा था। इस मंजिल पर छह केबिन हैं। तीन में से एक कमरे में आतंकी ठिकाना मिला है जिसमें से 2 पिस्तौल, 3 मैगजीन, 6 मोबाइल फोन (आतंकियों के पास से), 4 मोबाइल (हाईडआउट) से बरामद हुए हैं। जबकि कॉल सेंटर के केबिन से 6 कंप्यूटर, 6 सीपीयू, यूएसए के नक्शे आदि बरामद हुए हैं।
इसके अलावा गरम कपडे़, ड्रग्स, कोरेक्स, किचन का सामान, टीवी, घायल होने के बाद आतंकियों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले इंजेक्शन भी बरामद हुए हैं।