केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को सुझाव दिया कि कोरोना रोधी वैक्सीन के दोनों टीके लगवा चुके लोगों को पूर्ण टीकाकरण का स्टीकर दिया जाना चाहिए। यह स्टीकर वे उनके घरों पर चस्पा करें ताकि अन्य परिवारों को भी टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने में मदद मिले।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने मंगलवार को गैर सरकारी संगठनों, सिविल सोसायटी, विकास संगठनों की बैठक में स्टीकर को लेकर सुझाव दिया। यह बैठक कोरोना टीकाकरण के ‘हर घर दस्तक’ कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की गई थी।
उत्तर प्रदेश में इस तरह के स्टीकर लगाने का फैसला किया जा चुका है। राज्य में कोविड टीका लगवा चुके लोगों के घरों के बाहर लगाए जाने वाले स्टीकर पर लिखा होगा कि यह परिवार कोविड टीका से पूर्ण प्रतिरक्षित है। इससे कोरोना टीकाकरण में कोई परिवार और सदस्य छूट नहीं पाएगा। कोरोना टीकाकरण से अब एक भी परिवार छूट नहीं पाएगा। हर किसी को टीका लगवाया जाएगा। जिन लोगों ने टीका नहीं लगवाया है, उनको खोजकर स्वास्थ्यकर्मी टीकाकरण करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार बैठक में मंडाविया ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में टीकाकरण के इतने बड़े अभियान में जनभागीदारी बहुत जरूरी है। कोविड-19 संकट के दौरान भारत उठकर खड़ा हुआ है, क्योंकि गैर सरकारी संगठनों व सिविल सोसायटी ने सरकार के प्रयासों को सहारा दिया है। लॉकडाउन के दौरान देश में कोई भूखा न सोए, सरकार ने यह सुनिश्चित किया, इसमें सामाजिक संगठनों ने भी अहम भूमिका निभाई।
मंडाविया ने कहा कि देश की 80 फीसदी आबादी को पहला टीका व 40 फीसदी को दूसरा टीका लगवाने में भी इन संगठनों का योगदान है। इस अभियान में सभी पक्षकारों का अपनी विशेषज्ञता व क्षमता के अनुसार योगदान व सामूहिक लक्ष्य पाने में सक्रिय भूमिका लोकतंत्र का सार है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम सभी को यह सुनिश्चित करना है कि हर व्यक्ति को टीका लगे। बैठक में टीकाकरण को जनांदोलन बनाने का फैसला किया गया। मंत्रालय ने बयान में कहा कि गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से बचाने में दूसरी खुराक के महत्व को प्रचारित करने की जरूरत है। टीकाकरण में सहभागी बनने वालों को उनकी क्षमता के अनुसार एक क्षेत्र की पहचान करने और वहां के सभी निवासियों के पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य देने का सुझाव दिया।