योगी सरकार की ओर से उठाए गए एक कदम से यूपी की राजनीति गर्म हो गई। दरअसल मुजफ्फरनगर दंगे से जुड़े एक केस की वापसी के लिए यूपी सरकार ने अदालत में अर्जी लगाई है। योगी सरकार के इस कदम के बाद मायावती ने ट्वीट किया। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने ट्वीटर पर लिखा कि यूपी में भाजपा के लोगों के ऊपर राजनैतिक द्वेष की भावना से दर्ज मुकदमे वापस होने चाहिए। साथ ही विपक्षी पार्टियों के लोगेां पर भी ऐसे दर्ज मुकदमे को भी खत्म करने चाहिए। बसपा की यही मांग है। आपको बता दें कि सरकारी वकील राजीव शर्मा ने मुजफ्फरनगर की एडीजी कोर्ट में मुकदमा वापसी के लिए अर्जी दी गई है। अदालत को इस पर फैसला लेना है। 2013 में नंगला मंदौड़ की महापंचायत के बाद एफआईआर दर्ज हुई थी। एफआईआर में भड़काऊ भाषण, धारा 144 का उल्लंघन, आगजनी और तोड़फोड़ की धाराओं में मुकदमा लिखा गया था।

सात साल पहले सात सितंबर 2013 को नगला मंदौर में जाटों की महापंचायत के बाद ही मुजफ्फरनगर समेत पश्चिमी यूपी में दंगों की आग फैली थी। इस दौरान 65 लोगों की मौत हुई थी। 40 हजार से ज्यादा लोग बेघर भी हो गए थे। अभी भी कई ऐसे लोग हैं जो आज भी कैंप में रह रहे हैं। मुजफ्फरनगर दंगे में 510 मुकदमे दाखिल हुए थे। जिसमें से यह मुकदमा काफी अहम है। मुकदमे में मौजूदा विधायक संगीत सोम, कपिलदेव अग्रवाल और कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा समेत अन्य आरोपी हैं।