N/A
Total Visitor
39.1 C
Delhi
Thursday, August 7, 2025

ग्लासगो पहुंचे PM मोदी, भारतीय समुदाय के लोगों ने किया जोरदार स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के 26वें ‘कांफ्रेंस ऑफ द पार्टीज’ (कॉप26) में शामिल होने के लिए सोमवार तड़के ब्रिटेन के ग्लासगो पहुंच गए हैं।पीएम मोदी एक और दो नवंबर को ग्लासगो में रहेंगे, इस दौरान वे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से मुलाकात करेंगे।

प्रधानमंत्री एयरपोर्ट से सीधे होटल पहुंचे जहां भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान भीड़ में मौजूद एक बच्चे से पीएम मोदी ने बातचीत की। होटल पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के दौरान भारतीय समुदाय के लोगों ने ‘मोदी है भारत का गहना’ गीत गाया।

ग्लोबल वार्मिंग पर नियंत्रण के लिए ग्लासगो में दो हफ्ते तक चलने वाले गहन सम्मेलन की रविवार (31 अक्तूबर) को शुरुआत हुई, यह सम्मेलन 12 नवंबर तक होगा। इस दौरान भारत की तरफ से जलवायु न्याय का मुद्दा उठाया जा सकता है। यह शिखर सम्मेलन ब्रिटेन की अध्यक्षता में आयोजित किया जा रहा है, जिसने इसके लिए इटली के साथ साझेदारी की है।

कॉप26 में 120 से अधिक देशों के नेता हिस्सा लेंगे। ये सभी जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के उपायों पर चर्चा करेंगे। सूत्रों के अनुसार, ‘जलवायु न्याय’ का आह्वान विकासशील देशों के उस दावे से निकला है, जिसमें 2050 तक शून्य उत्सर्जन के विचार को जलवायु परिवर्तन के लिए काफी जरूरी माना जाता है।

सूत्रों के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन पर कोई भी बात करने से पहले जलवायु न्याय पर बात करने की जरूरत है। इसमें तकनीकी बदलाव के बजाय हमारी सोच और प्रवृत्ति में बदलाव भी शामिल है। विश्व स्तर पर चीजों को एक संपूर्ण नजरिए से देखने की जरूरत है। प्रधानमंत्री मोदी सम्मेलन में जलवायु वित्त का मुद्दा भी उठाएंगे। भारत की कॉप26 टीम से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि भारत की तरफ से ये कहा जा सकता है कि विकसित देशों को नेट जीरो के बजाय नेट निगेटिव से शुरुआत करने की आवश्यकता है। हालांकि भारत ने अभी तक नेट जीरो से जुड़े मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया है।

संयुक्त राष्ट्र के ग्लासगो सम्मेलन के सम्मान में सुदूर अंटार्कटिका के एक ग्लेशियर का नाम स्कॉटलैंड के शहर ग्लासगो ग्लेशियर रखा गया है। तेजी से पिघल रहे 100 किमी लंबे ग्लेशियर को लीड्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने जलवायु परिवर्तन पर 26वें सम्मेलन के अवसर पर इसका औपचारिक नामकरण किया।
इससे पहले रविवार को प्रधानमंत्री शिखर सम्मेलन से इतर अन्य वैश्विक नेताओं के साथ यहां स्थित प्रसिद्ध ट्रेवी फाउंटेन देखने पहुंचे। यह फाउंटेन इटली के सर्वाधिक दर्शनीय स्मारकों में से एक है। बरोक कला शैली वाले इस स्मारक को कई फिल्म निर्माताओं ने प्रेम के प्रतीक के तौर पर बड़े पर्दे पर भी पेश किया है।

जी-20 इटली के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस संबंध में रविवार को एक ट्वीट किया गया। इस ट्वीट में लिखा गया, ‘जी20 प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्षों ने शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरुआत शहर के प्रतीकात्मक स्थल, ट्रेवी फाउंटेन तक टहल कर की। यह दुनिया का सबसे खूबसूरत फाउंटेन है और इसमें सिक्का उछाले जाने की परंपरा के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है।’ बरोक कला शैली के शहर के इस सबसे बड़े फाउंटेन की ऊंचाई 26.3 और चौड़ाई 49.15 मीटर है।

इसे लेकर जी-20 इटली की ओर से एक वीडियो भी जारी किया गया है। इस वीडियो में फाउंटेन तक गए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को इसके पानी में अपने कंधों के ऊपर से सिक्के उछालते हुए देखा जा सकता है। इसे लेकर मान्यता है कि अगर आप अपने कंधों के ऊपर से इस फाउंटेन के पानी में सिक्का फेंकें तो इसका मतलब है कि आप रोम एक बार फिर लौट कर जरूर आएंगे। जी20 की अध्यक्षता इस समय इटली के पास है जो पिछले साल दिसंबर से इसका अध्यक्ष है।

सम्मेलन के दूसरे दिन यानी ट्रेवी फाउंटेन की यात्रा करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्पेन के समकक्ष पेड्रो सैंशेज के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया और आपसी सहयोग बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त की।

इस मुलाकात को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और उनके स्पेन के समकक्ष सैंशेज ने दोनों देशों के बीच बढ़ते द्विपक्षीय कारोबार और निवेश संबंधों के साथ 56 सी295 एयरक्राफ्ट की खरीद के लिए हाल ही में किए गए समझौते का स्वागत किया। विमानों की यह खरीद एयरबस स्पेन से की जाएगी। इसमें खास बात यह है कि कुल 56 विमानों में से 40 विमान टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के साथ मिलकर ‘मेड इन इंडिया’ पहल के तहत बनाए जाएंगे।

मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय समझौतों को ई-मोबिलिटी, क्लीन टेक, एडवांस्ड मैटीरियल्स और डीप सी एक्सप्लोरेशन जैसे नए क्षेत्रों में बढ़ाने पर सहमति जताई। पीएम मोदी ने स्पेन को ग्रीन हाउड्रोजन, इन्फ्रास्ट्रक्चर और रक्षा उत्पादन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने और भारत की नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन, संपत्ति मुद्रीकरण और गति शक्ति योजना का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन पर आधारित एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। यहां अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि मैं लालफीताशाही को खत्म करके अमेरिकी भागीदारों की मदद करने और बंदरगाह की भीड़ को कम करने में मदद के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटित कर रहा हूं। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि अपने देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी भंडार बढ़ाने पर विचार करें। यह ऐसी चुनौती नहीं है जिसे कोई देश अकेले हल कर सके। समन्वय ही इसकी चाबी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात की और दोनों नेताओं ने मजबूत द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत बातचीत की और नजदीकी रणनीतिक भागीदारी बनाए रखने के लिए प्रतिबद्धता जताई। विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला और अन्य अधिकारियों ने भी मर्केल के साथ बैठक में हिस्सा लिया।

विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर मर्केल ने रोम में जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात की। भारत-जर्मनी संबंधों पर विस्तार से चर्चा हुई। दोनों देशों के बीच मजबूत दोस्ती हमारे ग्रह के लिए भलाई के कार्यों को और मजबूत करेगी।’’ एक अन्य ट्वीट में मंत्रालय ने कहा, ‘‘जर्मनी के साथ नजदीकी साझेदारी बनाए रखने की हमारी प्रतिबद्धता को एक बार फिर दोहराते हैं।’’

पीएम मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर रोम में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ द्विपक्षीय व्यापक रणनीतिक साझेदारी, कारोबार, अर्थव्यवस्था और लोगों से लोगों के बीच संपर्क के मुद्दे पर विचारों का आदान-प्रदान किया। विदेश मंत्रालय के ट्वीट के मुताबिक पीएम मोदी ने अगले साल जी-20 की अध्यक्षता मिलने पर इंडोनेशिया को बधाई दी और ट्रोइका (पूर्ववर्ती, मौजूदा और आगामी जी-20 अध्यक्षता)के हिस्से के तौर पर भारत के समर्थन का भरोसा दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘आज राष्ट्रपति जोको विडोडो से मिलकर खुशी हुई। भारत-इंडोनेशिया के मौजूदा सहयोग के क्षेत्रों और नए आयामों पर चर्चा की जहां पर दोनों देश अपने नागरिकों और पूरे ग्रह के लाभ के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।’’

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘इंडोनेशिया के साथ मजबूत संबंध भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ और ‘सागर’ दृष्टिकोण का अहम हिस्सा है। बातचीत के दौरान आर्थिक संबंध सुधारने और सांस्कृतिक सहयोग पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।’’ ‘सागर’ क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास का संक्षिप्त शब्द है जिसे 2015 में पेश किया गया था।

 

newsaddaindia6
newsaddaindia6
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »