20 फीचर का मिलता जुलता नया नकली नोट की खेप एक बार फिर पाकिस्तान बांग्लादेश , नेपाल वाया पश्चिम बंगाल के रास्ते खपाने की योजना में जुट गया है। बताया जाता है कि 25 करोड़ से अधिक दो हजार पांच सौ और दो सौ रुपये का नकली नोट पाकिस्तान से नेपाल और बांगलादेश में लाकर रखा गया है। इस तरह की सूचना खुफिया विभाग को मिलने के बाद एसएसबी , बीएसएफ और बैंकों में अलर्ट कर दिया गया है।
पश्चिम बंगाल में होने वाले विधान सभा चुनाव को लेकर तस्करों ने कोरोडो पांच सौ दो हजार और दो सौ के नकली नोट को डंप किया है। इस तरह की सूचना मिलने के बाद गृह मंत्रालय , आरबीआई , खुफिया और सुरक्षा एजेंसी ने अलर्ट जारी किया है। पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी तस्करों के द्वारा नकली नोट को खपाने की योजना है। यही वजह है कि तस्कर पहले से ही पश्चिम बंगाल के सीमाई इलाकों में नकली नोट की खेप को डंप करने में जुटे हुए हैं। पाकिस्तान में बैठे नकली नोटों के तस्करों ने नोटबंदी के महज छह महीना के बाद ही नकली करेंसी बाजार में भेज दिया था।
नोटबंदी के चार माह बाद ही अररिया पुलिस ने दो युवक को 23 हजार हजार के नकली नोट के साथ गिरफ्तार किया था। पूछताछ के क्रम में दोनों ने बताया था कि उन लोगों ने नेपाल के एक व्यक्ति नकली नोट लाकर खपाने का काम शुरू किया था। डायरेक्ट ऑफ रेवन्यू इंटेलिजेंस ( डीआरआई) के एक अधिकारी ने बताया कि नकली नोट को लेकर लगातार गुप्त सूचनाएं प्राप्त हो रही है।
अधिकांश नकली नोट के तस्कर पश्चिम बंगाल में है। पश्चिम बंगाल के मालदा जो बांग्लादेश के खुली से सटा हुआ है को नक़ली नोट का स्वर्ग कहा जाता है। नकली नोट की खेप अक्सर नेपाल के सीमाई जिला अररिया , किशनगंज , सुपौल में पकड़ाता ही रहता है। नकली नोट के झमेले से बचने के लिए बैंक के कर्मचारी भी इस तरह नकली नोट मिलने पर हिदायत देकर छोड़ देतें है। नकली नोट मिलने के बाद इसकी सूचना को लेकर लंबे प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
कब-कब गिरफ्तारी
– 07 अक्टूबर सिकटी थाना की पुलिस ने 22 सौ रुपया नकली नोट के साथ नूर आलम गिरफ्तार किया
– 15 नवम्बर को वाहन चेकिंग के दौरान अररिया जिला के पलासी थाना की पुलिस ने 33 हजार नकली रुपया के साथ वैकुंठ यादव , ग़ालिब आलम, शौकत आलम नसर आलम को गिरफ्तार किया गया
– 23 नवम्बर को पलासी थाना की पुलिस ने इनारा चौक से किराना दुकानदार महेंद्र यादव को दो हजार के नकली नोट के साथ गिरफ्तार किया गया था।
वर्ष 2019 में नेपाल के रास्ते आया था करोड़ों रुपया
वर्ष 2019 के मई माह में नेपाल के काठमांडू के त्रिभुवन एयरपोर्ट पर एक महिला सहित पांच पाकिस्तानी नागरिकों को दो सूटकेस में रखे तीन करोड़ रुपये नकली भारतीय नोट की खेप के साथ गिरफ्तार किया गया था। भारतीय जांच एजेंसी को सभी पाकिस्तानी तस्करों ने बताया था कि उनलोगों के द्वारा पूर्व में भी कई किरोड़ रुपया भारतीय क्षेत्र में भेज चुका था। इसका कनेक्शन नेपाल से पश्चिम बंगाल , कोसी , सीमांचल , मिथिलांचल के जिलों के अलावा यूपी के गोरखपुर के तक के कई तस्करों का नाम सामने आया था। डीआरआई की टीम को मुजफ्फरपुर जिला के देवरिया निवासी मुनव्वर हुसैन ने बताया था कि वह रकसौल बॉर्डर से नेपाल गया था वहां से वीरगंज में जाकर 96 हजार रुपया नकली नोट प्राप्त किया था। मुनव्वर ने बताया था कि वीरगंज में दिल्ली के भी कई लोग नकली नोट की खेप लेने के लिए बैठा था। एसएसबी के एक अधिकारी ने बताया कि खुला बॉर्डर की
26 में 20 फीचर का नकल
बताया जाता है कि पाकिस्तान में बैठे नकली नोट के तस्करों ने असली नोट के 26 में से 20 फीचर का नकल कर लिया है। यही वजह है कि ग्रामीण , नेपाल , भूटान और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में तस्कर नकली नोट को आसानी से खपा रहा है। लीड बैंक के प्रबंधक रविशंकर सिन्हा कहते है कि नकली नोट को लेकर गृह मंत्रालय के निर्देश पर सभी बैंक प्रबन्धकों को नकली नोट की रोकथाम को लेकर कई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। नकली करेंसी की पहचान आम लोगो के बहुत मुश्किल होता है। कभी कभी ट्रेंड स्टाफ भी नकली करेंसी को देखकर भ्रमित हो जाता है। सभी बैंकों में नकली और असली नोट की पहचान के लिए डिस्प्ले भी किया गया है। लेकिन इतने फीचर की गहनता को लोग याद नही रख पाते हैं । नकली नोट का टेम्पर भी आजकल असली नोट की तरह ही आ गया है जिससे दिक्कतें हो रही है।