कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 9 महीने से किसान दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं। आंदोलन को धार देने के लिए किसानों की ओर से रविवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। पंचायत से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने एलान किया है कि इस बड़ी रैली में एक बड़ा फैसला लिया जाएगा।
चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार को भारतीय जनता पार्टी की सरकार न कह कर इसे मोदी सरकार कहा जाए तो बेहतर होगा। इस सरकार ने जो तीन कृषि कानून पास किए हैं। वह किसानों के हक में नहीं है। यह कानून पूरी तरह से देश को विदेशी हाथों में सौंपने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान नौं महीने से दिल्ली के चारों तरफ बैठे हैं, लेकिन सरकार किसानों की सुनवाई नहीं कर रही है।
इस सरकार से कानूनों की वापसी की उम्मीद करना तो दूर की बात है अबतक तो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी कोई कदम नहीं उठाया। इसलिए अब किसानों को सत्ता परिवर्तन की लड़ाई लडनी होगी। रविवार को होने वाली महापंचायत ऐतिहासिक होगी, जिसमें किसान आंदोलन को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया जाएगा।
रैली के लिए किए गए हैं सभी इंतजाम
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रेस प्रभारी शमशेर राणा ने बताया कि किसानों के स्वागत के लिए यूपी गेट से मुजफ्फरनगर तक रास्ते में पडने वाले सभी गाँवों में वोलियंटर्स तैनात किए गए हैं। उनके स्वागत में कोई कमी न रह जाये इसके लिये मुजफ्फरनगर में खाने तथा जलपान के करीब 600 भण्डारे लंगर की व्यवस्था की गई है। साथ ही चिकित्सा सुविधा हेतु 20 -25 मेडिकल कैम्प लगाए गए हैं। साथ ही यह भी ध्यान रखा गया है कि इस गैर राजनीतिक राष्ट्रीय महापंचायत में कोई भी राजनीतिक दल का नेता संबोधित न करें।