मऊ से बहुजन समाज पार्टी के दबंग विधायक मुख्तार अंसारी के भाई पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी आज अपने बेटे मुन्नू अंसारी के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सिबगातुल्लाह अंसारी भी बेटे के साथ साइकिल पर सवार हो गए हैं। सिबगतुल्लाह अंसारी के बीच के भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी से सांसद हैं, जबकि छोटे भाई माफिया मुख्तार अंसारी मउ से बसपा से विधायक हैं। सिबगतुल्लाह अंसारी के साथ साथ भारी संख्या में उनके समर्थक भी आज समाजवादी पार्टी के कार्यालय में पहुंचे। सिबगतुल्लाह अंसारी के साथ उनके बेटे मन्नू अंसारी ने अखिलेश यादव ने पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई। मुहम्मदाबाद विधानसभा से दो बार विधायक रहे चुके मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की अलका राय से हारे थे। कौमी एकता दल का गठन करने वाले सिबगतुल्लाह अब समाजवादी पार्टी का दामन थाम रहे हैं। ऐसे में लगभग तय है कि उन्हेंं या उनके बेट को 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट देगी।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे अंबिका चौधरी ने भी करीब पांच साल बाद पार्टी में वापसी की। इसकी पटकथा महीनों पहले तय हो गई थी, जब इनके बेटे को समाजवादी ने जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट दिया था। अम्बिका चौधरी प्रदेश की मुलायम और अखिलेश सरकार में मंत्री रह चुके है। इसके अलावा फेफना विधान सभा सीट से चार बार विधायक रहे चुके हैं। अम्बिका चौधरी 1993 से लगातार विधायक रहे। 2017 में बसपा से चुनाव लड़े लेकिन हार गए, हाल के जिला पंचायत चुनाव में उनके बेटे ने आनंद चौधरी ने बसपा से टिकट मिलने के बाद समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली और जिला पंचायत अध्यक्ष बने।
अम्बिका चौधरी 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सपा छोड़कर बसपा में शामिल हुए थे। करीब पांच साल बाद पार्टी में वापसी की। कुछ महीने पहले बसपा से इस्तीफा देते हुए उन्होंने मायावती को लिखा था कि 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें छोटा या बड़ा कोई दायित्व नहीं सौंपा गया। इसके कारण वह पार्टी में खुद को उपेक्षित और अनुपयोगी महसूस कर रहे थे। अम्बिका चौधरी सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं।