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Saturday, July 5, 2025

अफगान छात्रों के लिए आईआईटी ने बढ़ाए मदद के हाथ

हिंसाग्रस्त अफगानिस्तान के छात्रों के लिए विभिन्न आईआईटी ने मदद का हाथ बढ़ाया है। अफगानी छात्रों-छात्राओं को दाखिले से लेकर वीजा दिलाने, फीस माफी सहित वित्तीय मदद दिलाने की योजनाएं तैयार की हैं। दाखिले के लिए संस्थानों ने स्पेशल विंडो खोली है।

एमटेक व पीएचडी में विशेष दाखिला, ट्यूशन फीस माफी, वीजा दिलवाने व हॉस्टल देने की पहल
इसके अलावा वीजा सुविधाओं के लिए संस्थान केंद्रीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं। इसके जरिये कोशिश यही है कि तालिबान की पाबंदियों का असर वहां के प्रतिभाशाली छात्रों की पढ़ाई पर न पड़े।

दाखिले के लिए दो हेल्पलाइन
आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. वी रामगोपाल राव ने बताया कि संस्थान ने अफगानी छात्रों के लिए दो हेल्पलाइन नंबर जारी किये हैं। इन पर फोन करके मदद मांगी जा सकती है। संस्थान में 16 अफगानी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। यदि वे अफगानिस्तान में फंसे हैं, तो उनकी मदद की जाएगी। इसके अलावा वहां के छात्रों के लिए पीएचडी में दाखिले की विंडो विशेष रूप से खोली गई है। इसके अलावा उन्हें कैंपस में हॉस्टल सुविधा भी मिलेगी।

आईआईटी मद्रास देगा वित्तीय मदद
आईआईटी मद्रास का कहना है कि तीन अफगानी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें दो पीएचडी (अफगान गवर्नमेंट स्कॉलरशिप प्रोग्राम) और एक एमटेक (स्टडी इन इंडिया) प्रोग्राम के तहत आये हैं। तीनों छात्र अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं। छात्रों ने संस्थान से मदद मांगी है। संस्थान के पास बड़ी संख्या में छात्रों ने आवेदन किया है। एमटेक और पीएचडी प्रोग्राम में इसी सत्र के लिए आठ छात्रों का चयन हुआ था।

वे ऑनलाइन क्लास में पढ़ाई कर रहे थे। नियम पूरा करने वाले छात्रों की पढ़ाई, ट्यूशन फीस में कटौती और आर्थिक मदद भी की जाएगी। यदि वे भारत नहीं आ पाते हैं तो ऐसे छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई में मदद की जाएगी।

आईआईटी बॉम्बे ने छात्रों के कैंपस लौटने को दी मंजूरी
संस्थान के निदेशक प्रो. सुभाषिस चौधरी के मुताबिक, आईसीसीआर स्कॉलरशिप के तहत कुछ छात्रों ने दाखिला लिया है। ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ाई कर रहे थे। हालात खराब होने पर उन्होंने कैंपस लौटने की मांग की थी। उसकी मंजूरी दे दी गई है। उनकी हर तरह से मदद की जाएगी।

 

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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