एसएससी जीडी 2018 के मेडिकल पास उम्मीदवारों ने मंगलवार को नियुक्ति पत्र लेने के लिए जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। युवा हल्ला बोल के पदाधिकारी रिषव रंजन और रजत यादव को भी सैकड़ों उम्मीदवारों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हल्लाबोल के पदाधिकारियों का कहना था कि एसएससी जीडी के ये उम्मीदवार मेडिकल पास हैं। यानी इन्होंने भर्ती के सभी चरण पार कर लिए हैं, इसके बावजूद इन्हें ज्वाइनिंग नहीं दी गई। देश के विभिन्न हिस्सों से करीब चार पांच माह पहले दिल्ली आए ये उम्मीदवार केंद्रीय गृह मंत्रालय के समक्ष अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन इन्हें मिलने का समय नहीं मिला। 15 अगस्त से पहले यहीं पर प्रदर्शन के लिए इन युवाओं को दिल्ली पुलिस ने भरोसा दिलाया था कि वह गृह मंत्रालय के किसी जिम्मेदारी अधिकारी से इनकी मुलाकात करा देंगे। मंगलवार को जब ये उम्मीदवार जंतर-मंतर पर पहुंचे तो पुलिस अपनी बात से मुकर गई। कहा, आप ज्ञापन दे दें, मंत्रालय में पहुंचा देंगे। युवाओं ने जब वहां पर प्रदर्शन करना चाहा तो उन पर हल्का बल प्रयोग किया गया। उन्हें जबरन बस में बैठाकर मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन में ले जाया गया। आरोप है कि पुलिस के बल प्रयोग के दौरान दो उम्मीदवारों को चोट लगी है। आरएमएल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
युवा हल्लाबोल के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम का कहना है कि देख लीजिये यह सरकार वाजिब हक मांग रहे बेरोजगार युवाओं की आवाज कुचल रही है। इसी जंतर-मंतर से पिछले सप्ताह देश में धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए नफरत भरे नारे लगाए गए। उन लोगों को पुलिस ने नहीं रोका, लेकिन एसएससी जीडी 2018 के सफल अभ्यर्थियों को प्रदर्शन करने से रोक रही है। ये अपना हक मांग रहे हैं। इस परीक्षा का रिजल्ट फरवरी 2021 में आया था। इसमें किसकी गलती है। अनुपम ने कहा, सरकार जब चार साल में रिजल्ट निकालेगी तो कितने युवा ओवरएज हो जाएंगे, इसका अंदाजा खुद सरकार को भी नहीं है। इन उम्मीदवारों के साथ भी यही हुआ है। गरीब परिवारों के इन युवाओं ने अपनी मेहनत से टेस्ट परीक्षा किया था। मेडिकल भी हो गया। जब फाइनल लिस्ट आई तो इनका नाम उसमें नहीं था। करीब 60 हजार युवाओं को केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में भर्ती किया जाना था, लेकिन सरकार ने 54 हजार पदों को भरा है। इसके अतिरिक्त 55 हजार युवा ऐसे थे, जिन्हें मेडिकल जांच में पास किया गया था।
युवा हल्लाबोल के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम का कहना है कि देख लीजिये यह सरकार वाजिब हक मांग रहे बेरोजगार युवाओं की आवाज कुचल रही है। इसी जंतर-मंतर से पिछले सप्ताह देश में धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए नफरत भरे नारे लगाए गए। उन लोगों को पुलिस ने नहीं रोका, लेकिन एसएससी जीडी 2018 के सफल अभ्यर्थियों को प्रदर्शन करने से रोक रही है.
एसएससी जीडी 2018 के आवेदकों का कहना है कि अब उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। उनकी आयु निकल चुकी है। इस वजह से वे दूसरी भर्ती का आवेदन जमा नहीं करा सकते। केंद्रीय गृह मंत्रालय के राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में जानकारी दी थी कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में करीब एक लाख 11 हजार पद रिक्त हैं। ऐसे में सरकार को मेडिकल पास युवाओं को भर्ती का मौका दिया जाना चाहिए। चार-पांच माह से दिल्ली में आंदोलन कर रहे उम्मीदवारों का कहना है कि वे एक वक्त के भोजन पर यहां रह रहे हैं। पहले गुरुद्वारे में रहे, लेकिन वहां से भी बाहर कर दिए गए। इसके बाद गाजीपुर में किसानों के साथ उन्हें भी दो वक्त की रोटी मिल गई। अब वह ठिकाना भी छूट गया। अब इनके सामने खाने-पीने और रहने का संकट है। कोई इनकी मदद के लिए सामने नहीं आ रहा। युवा हल्लाबोल के पदाधिकारी इनकी बात को आगे तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। कई बार ज्ञापन देने के बाद भी गृह मंत्रालय ने इन्हें मिलने का समय नहीं दिया। मंगलवार को यूपी के महाराजगंज से आई रागिनी और सुपौल बिहार के दिलीप को पुलिस के बल प्रयोग में चोट लगी है। इन्हें अस्पताल में ले जाया गया है। बाकी सैंकड़ों उम्मीदवार को मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन में रखा गया है।