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Thursday, December 26, 2024

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा : अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत व्यक्ति को नाम बदलने की पूरी आजादी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि अभिव्यक्ति की आजादी के तहत किसी व्यक्ति को उसका नाम बदलने से नहीं रोका जा सकता है। नाम बदलना अभिव्यक्ति की आजादी का हिस्सा है। संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) में इसकी गारंटी दी गई है। इसी के साथ कोर्ट ने सीबीएसई को निर्देश दिया है कि याची को रिशू जायसवाल के स्थान पर कबीर जायसवाल के नाम से नया प्रमाणपत्र जारी करे। क्योंकि याची अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत अपना नाम परिवर्तित करने का हकदार है।

यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने कबीर उर्फ रिशू जायसवाल की याचिका पर दिया है। याची का कहना था उसने वर्ष 2011-13 में सीबीएसई से हाईस्कूल की परीक्षा  और 2015 में इंटर की परीक्षा रिशू जायसवाल पुत्र संतोष कुमार जायसवाल के नाम से उत्तीर्ण की है। इसके बाद याची ने अपना नाम रिशू की जगह कबीर जायसवाल करने के लिए गजट नोटिफिकेशन कराया और नोटिस प्रकाशित कराई तथा बोर्ड को भी प्रार्थनापत्र दिया। गजट नोटिफिकेशन के आधार पर पैन कार्ड और आधार कार्ड में उसका नाम बदला जा चुका है। लेकिन सीबीएससी ने उसके शैक्षणिक प्रमाणपत्रों में नाम परिवर्तित करने का प्रार्थनापत्र यह कहते हुए निरस्त कर दिया  कि स्कूल के दस्तावेजों में उसका नाम नहीं बदला है। इस पर यह याचिका दाखिल की गई।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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