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Sunday, June 22, 2025

जीभ के रंग बया करती है, स्वास्थ्य समस्याओं को ….

शरीर के स्वस्थ रहने के लिए सभी अंगों का स्वस्थ रहना बेहद आवश्यक माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सेहत में होने वाली किसी भी प्रकार की समस्या का असर अन्य अंगों पर दिखने लगता है, इसका मतलह यह है कि तमाम अंगों में दिखने वाले असामान्य बदलाव के आधार पर सेहत का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। जिस प्रकार पेशाब के रंग में होने वाले बदलाव के आधार पर शरीर की कई बीमारियों के बारे में पता लगाया जा सकता है, उसी प्रकार से जीभ के रंग और बनावट में होने वाले बदलावों के आधार पर स्वास्थ्य समस्याओं का पता चल सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जीभ में होने वाले कई तरह के परिवर्तन सेहत की स्थिति के बारे में बता सकते हैं। यदि आपकी जीभ के रंग या बनावट में आसामान्य परिवर्तन दिखे तो इस बारे में सावधान हो जाएं। आइए इस लेख में जानते हैं कि जीभ में किस प्रकार के बदलावों के आधार पर सेहत में गड़बड़ी का अंदाजा लगाया जा सकता है?

स्वस्थ और अस्वस्थ जीभ में क्या अंतर है?
जीभ में परिवर्तन के आधार पर सेहत का अंदाजा लगाने से पहले यह जान लेना आवश्यक है कि आखिर किस तरह की जीभ को डॉक्टर स्वस्थ मानते हैं? डॉक्टरों के मुताबिक स्वस्थ जीभ आमतौर पर गुलाबी रंग की होती है, कुछ लोगों में इसके रंग हल्के या गाढ़े जरूर हो सकते हैं। वहीं यदि जीभ का रंग सामान्य गुलाबी से हटकर किसी और तरह जैसे सुर्ख लाल या पीला दिख रहा हो, या फिर किसी चीज को खाने या पीने पर जीभ में असहजता का अनुभव हो तो इसे अस्वस्थ माना जाता है। आइए आगे की स्लाइडों में जीभ में बदलावों के आधार पर संभावित बीमारियों के बारे में जानते हैं। 

जीभ पर सफेद रंग की परत
कई लोगों की जीभ पर असामान्य तरीके की सफेद रंग की परत देखी जा सकती है। जीभ का इस तरह का सफेद रंग कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की ओर संकेत हो सकता है। कई लोगों को यह समस्या कैंडिडा एल्बीकैंस कवक के कारण हो सकती है। जीभ पर सफेद रंग की परत ल्यूकोप्लाकिया नामक बीमारी का संकेत भी मानी जाती है। गंभीर मामलों में ल्यूकोप्लाकिया की समस्या मुंह के कैंसर का भी कारण बन सकती है। ऐसे लक्षणों के प्रति सावधान रहें।

जीभ का लाल होना
जीभ के लाल होने की समस्या को सामान्यतौर पर विटामिन बी-12 की कमी के रूप में देखा जाता है। इसके अलावा कावासाकी रोग में भी 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की जीभ लाल हो सकती है। इस बीमारी में बच्चों को तेज बुखार होता है साथ ही जीभ का रंग बदलकर स्ट्रॉबेरी के रंग जैसा हो सकता है। इसके अलावा लाल रंग की जीभ को स्कारलेट फीवर का भी लक्षण माना जाता है। स्कारलेट फीवर का इलाज न होने पर इसका असर शरीर के अन्य अंगों जैसे किडनी, हृदय आदि पर भी पड़ सकता है।

जीभ का पीलापन
जीभ के पीलेपन को डॉक्टर आमतौर पर ज्यादा गंभीर नहीं मानते हैं। सामान्य तौर पर इस तरह की समस्या कुछ प्रकार के बैक्टीरिया के कारण हो सकती है, जो कुछ दिनों में स्वत: ठीक हो जाती है। इसके अलावा कुछ प्रकार के विटामिन के अधिक सेवन, तंबाकू या धूम्रपान करने के कारण भी जीभ में पीलापन आ सकता है। डॉक्टर सामान्य तौर पर जीभ के पीलेपन को सोरायसिस या पीलिया के संकेत के रूप में देखते हैं। सोरायसिस, त्वचा संबंधी बीमारी है, कुछ लोगों की जीभ पर भी इसके संकेत दिखाई पड़ते हैं।

नोट : ये जानकारी अनुभव के आधार पर साझा की जा रही है ,ज्यादा समस्या होने पर अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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