भारतीय मौसम विज्ञान ने गुरुवार को जुलाई महीने के लिए मानसूनी बारिश के पूर्वानुमान की जानकारी दी। आईएमडी ने कहा कि जुलाई में पूरे देश में सामान्य मानसूनी बारिश होने की उम्मीद है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के कई इलाकों में आज शाम भारी बारिश हुई। इसके साथ ही विभाग ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अगले दो दिनों में ‘लू’ की परिस्थितियां बनी रहने की संभावना है।
विभाग ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तर पश्चिम राजस्थान और उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश के ज्यादातर स्थानों पर लू की परिस्थितियां दर्ज की गईं। साथ ही, लू और भीषण लू की परिस्थितियां बुधवार को उत्तर-पूर्व राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में भी छिटपुट स्थानों पर दर्ज की गईं। उल्लेखनीय है कि देश के पूरे मैदानी हिस्सों में तापमान पिछले कुछ दिनों में 40 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया है।
इसने कहा, ‘पाकिस्तान से उत्तर पश्चिम भारत की ओर वायुमंडल के निचले हिस्से में संभावित शुष्क पछुआ/दक्षिण पछुआ पवनों के कारण से पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, उत्तर राजस्थान, उत्तर प्रदेश तथा उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश में अगले दो दिनों के दौरान लू की परिस्थितयां बनी रहने की संभावना है।’
दक्षिण पश्चिम मॉनसून देश के पूरे हिस्से में पहुंच गया है लेकिन हरियाणा, दिल्ली, पंजाब के कुछ हिस्से, पश्चिम राजस्थान और पश्चिम उत्तर प्रदेश अब भी इससे अछूते हैं। बता दें कि विभाग ने बुधवार को कहा था कि इन क्षेत्रों में मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होने की फिलहाल कम संभावना है।
मध्यप्रदेश: छह बाघ अभयारण्य तीन महीने के लिए सैलानियों के लिए बंद
बरसात के मौसम के कारण प्रसिद्ध कान्हा बाघ अभयारण्य सहित मध्यप्रदेश के छह बाघ अभयारण एक जुलाई से सैलानियों के लिए तीन महीने के लिए बंद कर दिए गए हैं। मध्यप्रदेश वन विभाग के प्रधान मुख्य संरक्षक (वन्यजीव) आलोक कुमार ने गुरुवार को बताया कि अब ये एक अक्तूबर से पर्यटकों के भ्रमण के लिए खुलेंगे। उन्होंने कहा कि इन अभयारण्यों के बफर इलाके पर्यटन गतिविधियों के लिए खुले रहेंगे।
आलोक कुमार ने बताया कि बरसात के मौसम में बाघ अभयारण्यों को विभिन्न कारणों से सैलानियों के लिए बंद कर दिया जाता है। इसमें सबसे अहम कारण यह है कि यह समय बाघों के प्रजनन का समय होता है। इसके अलावा, बारिश के कारण अभयारण्यों में आवाजाही के रास्ते वाहनों के लायक नहीं रहते हैं। इसके साथ ही इस अवधि में वहां पर जानवरों के लिए चारागाह सहित अन्य अधोसंरचना भी विकसित होती है।
मालूम हो कि वर्ष 2018 की गणना के अनुसार देश में सबसे अधिक 526 बाघ मध्यप्रदेश में है। प्रदेश में कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा, संजय दुबरी और पन्ना सहित छह बाघ अभयारण्य हैं, जो हर साल मानसून के मौसम में बंद रहते हैं।
जून में बारिश को तरस गए राजस्थान के कई जिले
मानसून की आहट के बीच राजस्थान में जून महीने में औसत बारिश भले ही सामान्य से अधिक रही हो लेकिन राज्य के अनेक जिले इससे वंचित रहे। राज्य के कुल 33 में से 19 जिलों में इस दौरान बारिश सामान्य से कम रही। मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार एक जून से 30 जून के दौरान राज्य में कुल रूप से 53.1 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई जो इस दौरान होने वाली 50.1 मिमी बारिश से छह फीसदी अधिक है। वहीं मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटों के दौरान बीकानेर, भरतपुर और कोटा संभाग के जिलों में कहीं-कहीं लू चलने की संभावना जताई है।
मौसम केंद्र के अनुसार इस दौरान राज्य के विशेषकर पूर्वी राजस्थान के अनेक जिलों में बारिश सामान्य नहीं हुई। पूर्वी राजस्थान में सामान्य 66.7 मिमी की तुलना में वास्तविक बारिश 56.7 मिमी हुई जो 15 फीसदी की कमी दिखाती है। मजेदार बात यह है कि पश्चिमी राजस्थान जहां इस दौरान अपेक्षाकृत कम बारिश होती है वहां अबकी बार मौसम अच्छा रहा है। जैसलमेर, गंगानगर, बीकानेर, जोधपुर व चुरू जैसे जिलों वाले पश्चिमी राजस्थान में इस दौरान 50.2 मिमी बारिश हुई जो 36.9 मिमी सामान्य बारिश की तुलना में करीब 36 फीसदी अधिक है।
मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार राज्य के अधिकांश भागों में आगामी चार पांच दिन मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा क्योंकि लगभग दो सप्ताह पहले राजस्थान में दस्तक देने वाला मानसून पिछले 11 दिन से एक ही जगह ठहरा है तथा इसके पांच छह दिन और आगे बढ़ने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि मानसून की उत्तरी सीमा आज गुरुवार को भी बाड़मेर, भीलवाड़ा व धौलपुर से गुजर रही है, यानी यह पिछले 11 दिनों से स्थिर है। शाथ ही, आगामी पांच से छह दिन राज्य में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं।