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Monday, June 23, 2025

टीकाकरण में चल. रही. धांधली पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के नाम खुला खत |

प्रिय मोदी जी और अमित शाह जी

ये खुला खत मेरी गुजारिश के तौर पे है ,

अगर आपको ये गुस्ताखी लगे तो मुझे माफ़ कर दीजियेगा | आप वैक्सीन गरीबों को लगवाने के लिए भले ही राजस्व से सारा खर्च उठा रहे हों मगर वैक्सीन लगवाने के लिए गरीब तो नंबर और पर्ची वाले छोटे छोटे कागज़ के टुकड़े लेकर सुबह से शाम तक लाइन में ही खड़े रह जा रहे है और एमसीडी में चल रही वैक्सीन ड्राइव का मजा लाखो करोड़ों की प्रॉपर्टी में रहने वाले महागरीब लोग उठा रहे हैं जिनमे आपके कार्यकर्ता और आपके पार्षद और सांसाद के हितैषीगण भी शामिल हैं | बेचारे गरीब वैक्सीन के लिए सुबह 6-7 बजे से लाइन लगा कर खड़े हो जाते है और बड़ी बड़ी गाड़ियों से लोग आते है और मुफ्त की वैक्सीन लगा कर चले जाते हैं | इसकी चश्मदीद मैं खुद हूँ ,पूरा वाकया यहाँ लिख रही हूँ , शनिवार 25 जून की बात है जब मेरे घर में काम करने वाली संतोष और नंदनी सुबह सात बजे से लाइन में लगी रही लेकिन नंबर दोपहर तक आया और अगर हो हल्ला नहीं मचता तो ये नंबर भी नहीं आता | जब वो लाइन में लगी तो महज 5 लोगों की लाइन थी मगर दोपहर 2 बजे तक उनका नंबर नहीं आया , 2-3 पहले ही क्षेत्र के पार्षद साहब की तरफ मैसेज आया था की first come ,first get बेसिस पर लोगों को vaccinate किया जायेगा | संतोष बेचारी पहले भी 3-4 स्कूलों के चक्कर काट चुकी थी | वो बोली भाभी मेरे टीके लगवा दो , मैं उसके सारे जरूरी डाक्यूमेंट्स के साथ उसे लाइन में लगा कर चली आयी , लेकिन उसका नंबर नहीं आया | बाद में इस क्षेत्र के जिला अध्यक्ष से लेकर मंडल के हर एक पदाधिकारी को फ़ोन की किसीने फ़ोन नहीं उठाया ,3-4 फ़ोन पार्षद साहब को भी घुमा दिए लेकिन उठाया उन्होंने भी नहीं | मैं फिर टीका सेंटर पर गयी वहां 5 लोगों की लाइन 100 से 150 की लम्बी क़तर बन चुकी थी लेकिन नंबर किसी का नहीं आया था | हां बड़ी गाड़ियों और फ्लैट वाले इस मुफ्त की वैक्सीन का मजा बिना लाइन के जरूर ले रहे थे | मैं वहां जाकर व्यवस्था और क्राइटेरिया के बारे में जब पूछने लगी तो वहां खड़े कुछ लोग जो शायद पार्षद या किसी नेता के करीबी रहे होंगे मुझ पर चिल्लाने लगे मुझे खरीदने की बात करने लगे | मैंने उनसे तब इतना कहा की पहले वैक्सीन तो खरीद के लगवा लो , देश की कम से कम इतनी मदद कर दो मुझे बाद में खरीद लेना | थोड़ी देर बाद पार्षद साहब का फ़ोन आया तब जाकर लाइन वाले कुछ लोग अंदर गए | इतना सब करते हुए करीब 3 बज गया | इतने में मंडल की ही एक कार्यकर्ता का फ़ोन आया जो इस क्षेत्र के एक काफी महंगे फ्लैट में रहती हैं , मैंने उनसे आपबीती सुनाई तो उन्होंने कहा की उनके ये मुफ्त वाली वैक्सीन तो आराम से लगे हाँ उनकी कामवाली को काफी मुश्किल हो रहा है , वो काम के बाद जाती है लाइन में लगती है लेकिन नंबर आते आते वैक्सीन ख़त्म हो जाता है |
गरीब को लगने से पहले वैक्सीन क्यों ख़त्म हो जाता है वजह तो आप समझ ही गए होंगे न सर | वैसे बस आपकी जानकारी के लिए बताना चाहती हूँ सर मैंने और मेरे परिवार ने सरकार द्वारा अनुमोदित रेट पर कोरोना का टीका खरीद कर लगवा लिया है | रजिस्ट्रशन मैंने मेरी दोनों हेल्प संतोष और नंदनी के भी करवा दिया था लेकिन स्लॉट अभी नहीं मिल पाया था इसीबीच में पार्षद साहब के मुफ्त वाली वैक्सीन का सन्देश आया | जहा जो लोग हजार -दो हजार की वैक्सीन को खरीदने की कूबत नहीं रख रहे थे मगर मुझे खरीदने की बात कर रहे थे | लेकिन मैं वादा करती हूँ की दूसरी डोज़ अपने साथ साथ उनदोनों के भी खरीद कर ही लगवाऊंगी | लखपतियों और करोड़पतियों को ये मुफ्त वाली वैक्सीन मुबारक़|
एक बस गुजारिश है सर मैं शायद लगवा दूँ लेकिन हर गरीब के लिए यैसा संभव नहीं है इसलिए टीका केंद्रों पर वैक्सीन ड्राइव प्रॉपर रोडमैप और नियमावली के साथ पूरी निगरानी में चलाये ताकि हर तबके को खासकर गरीब तबके को इसका सीधा फायदा पहुँच सके क्योंकि कुछ नेताओं और पार्षद साहब का कहना था की सरकार ने थोड़े ही कहा है की मुफ्त की वैक्सीन सिर्फ गरीबों के लिए है !

आपकी
अनीता चौधरी

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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